यूपी में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी पर कांग्रेस और योगी सरकार के बीच तनातनी जारी है। इस बीच कोटा (Kota) से चली बसों का बिल भी सियासत का मुद्दा बन गया। वहीं राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने योगी सरकार को 36 लाख 36 हज़ार का बिल भेजा था, जिसका पूरा भुगतान UPSRTC की ओर से कर दिया गया है.
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योगी के मीडिया सलाहकार ने की निन्दा
यही नहीं राजस्थान सरकार ने बिल के साथ योगी सरकार से इसका भुगतान करने का निवेदन किया था, जिसके बाद योगी सरकार की ओर से इस पूरे बिल का पूरा भुगतान कर दिया गया है. हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने 36 लाख रुपए का बिल मांगे जाने की निन्दा करते हुए कहा कि यह राजस्थान सरकार का अमानवीय चेहरा दर्शाता है।
गौरतलब है कि कोटा (Kota) में फंसे छात्रों को लेने उत्तर प्रदेश परिवहन की जो बसें राजस्थान में गई थीं. इस दौरान वहां भरवाए गए डीजल का पेमेंट उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही कर चुकी थी. इसका कुल बिल 19 लाख 76 हजार हुआ था, जिसका पेमेंट यूपी सरकार RTGS के जरिये किया था.
छात्रों की वापसी में लगी थी 70 बसें
इसके बाद राजस्थान सरकार ने उन बसों के किराये के रूप में यूपी सरकार से 36 लाख 36 हजार का बिल भेजा था, जो राजस्थान के कोटा (Kota) से छात्रों की वापसी के लिए ली गई थीं. ये बिल कोटा से यूपी के आगरा और मथुरा तक लॉकडाउन के दौरान छात्रों की वापसी में लगी 70 बसों का था.
यूपी सरकार के अनुमान से कहीं अधिक छात्र राजस्थान के कोटा में फंसे हुए थे, जिन्हें लाने के लिए सरकार को राजस्थान रोडवेज से बसें लेनी पड़ी थीं. बता दें कि अप्रैल में उत्तर प्रदेश के हजारों छात्र-छात्राओं को कोटा से बसों के जरिए उनके घर पहुंचाया गया था। ये विद्यार्थी राजस्थान के कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे।
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