हमारे शरीर में मौसम के हिसाब से बदलाव होता रहता है। जिस तरह से हमारे शरीर को गर्मी में बहुत गर्मी होती है उसी तरह सर्दी के मौसम में उतनी ही ठंढी लगती है। दरअसल, सर्दियों के मौसम में ठंड बढ़ने के साथ ही हमारे मुंह से भाप निकलने लगती है। लेकिन गर्मियों में तो हमारे मुंह से भाप नहीं निकलते हैं। तो क्या आपने इस बारे में कभी सोचा कि सर्दियों में हमारे मुंह से भाप क्यों निकलता है। आइये हम आपको बताते है इसके पीछे का कारण….
सर्दी में क्यों निकलता है मुंह से भाप?
हमारे शरीर का तापमान 36-37 डिग्री सेल्सियस होता है और सर्दियों में बाहर का तापमान काफी कम होता है। जब हम बाहर सांस छोड़ते हैं तब शरीर से निकलने वाली नमी के अणुओं की ऊर्जा तेजी से कम होने लगती है और वे पास आ जाते हैं। तो भाप द्रव या ठोस अवस्था में बदलने लगते हैं और ऐसे में हमारे मुंह से भाप निकलता दिखाई देने लगता है। दरअसल, साइंस के मुताबिक जहां टेंपरेचर शून्य या उससे नीचे चला जाता है, वहां मुंह से निकलने वाली भाप बर्फ में बदलने लगती है।
इस वजह से गर्मी में नहीं निकलता मुंह से भाप:
गर्मियों में हमारे शरीर की अपेक्षा वायुमंडल का तापमान बहुत ज्यादा होता है। वही गर्मियों में नमी शरीर से बाहर निकलती है। इसके साथ ही अणुओं की गतिज ऊर्जा कम नहीं होती है और वे दूर दूर ही रहते हैं।
मुंह से भाप निकलने की प्रक्रिया को इस तरह समझिए:
सर्दियों में मुंह से भाप निकलने का वैज्ञानिक कारण है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे शरीर में H2O के अणुओं की मजबूती के आधार पर होता है। साइंस कहता है कि बर्फ में ये अणु मजबूती से, द्रव यानी पानी में थोड़े कम मजबूती जबकि गैस यानी वाष्प में सबसे कम मजबूती से जुड़े होते हैं।
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