कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में सरकार वैक्सीन रूपी हथियार के साथ जल्द मैदान में उतर सकती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वैक्सीन के ब्लू प्रिंट के बारे में जानकारी दी है. जानिए सबसे पहले किसे मिलेगी कोरोना वैक्सीन!उनका कहना है कि अगले साल तक वैक्सीन तैयार हो जाएगी.
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कोरोना के वैक्सीन को लेकर दुनिया भर में प्रयास चल रहे हैं. कई देशों ने वैक्सीन बना लेने का दावा भी किया है, लेकिन अभी तक किसी भी वैक्सीन को वैश्विक रूप से इस्तेमाल की अनुमति नहीं मिली है. ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री का दावा 130 करोड़ भारतीयों को सुकून देने वाला है.
पहला नंबर स्वास्थ्य कर्मियों का-
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, COVID -19 वैक्सीन देने में पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य कर्मियों को दी जाएगी. वैक्सीन की खरीद केंद्र सरकार करेगी और हर खरीद को ट्रैक किया जाएगा. भारतीय वैक्सीन निर्माताओं को पूरी सरकारी सहायता दी जा रही है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत COVID-19 ह्यूमन चैलेंज ट्रायल में काम करने की योजना नहीं बना रहा. सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वैक्सीन हर किसी को उपलब्ध हो. गौरतलब है कि भारत में 3 वैक्सीन पर काम चल रहा है, जिनमें से दो स्वदेशी हैं. इसके अलावा, दूसरे देशों में विकसित होने वाले टीकों पर भी भारत सरकार की नजर है.
नहीं होगी कालाबाजारी–
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार टीकों के तैयार हो जाने पर उनका निष्पक्ष एवं न्यायपूर्ण वितरण सुनिश्चित करने के लिये चौबीसों घंटे काम कर रही है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति पूरी प्रक्रिया का खाका तैयार कर रही है. संवाद के दौरान एक व्यक्ति की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टीके की कोई कालाबाजारी नहीं होगी. उन्होंने कहा, टीका पूर्व निर्धारित प्राथकिता के आधार पर वितरित किया जाएगाा और यह एक तय कार्यक्रम के मुताबिक किया जाएगा. पारदर्शिता, जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये पूरी प्रक्रिया का ब्योरा आने वाले महीनों में साझा किया जाएगा. रूस के ‘स्पुतनिक-V’ टीके के भारत में तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के बारे में पूछे जाने पर वर्धन ने स्पष्ट किया कि यह विषय अभी विचारार्थ है और अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.