कर्नाटक के उडुपी स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब मामला धीरे धीरे पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहां पर 6 मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने की वजह से कक्षा में बैठने नहीं दिया गया था। इसी बीच एक हिजाब पहनी लड़की की को घेरकर ‘जय श्री राम’’ के नारे लगाने लगे। इसका जवाब देते हुए उस लड़की ने भी ‘अल्लाह हू अकबर’’ के नारा लगाना शुरू कर दिया। इस बहादुरी के लिए सोशल मीडिया पर उसकी जमकर तारीफ हो रही है।
कौन है वो लड़की?
बता दें कि कॉलेज असाइनमेंट जमा करने आई मुस्कान नाम की लड़की को कुछ लड़कों ने अंदर जाने से रोक दिया। क्योंकि मुस्कान ने हिजाब पहनी हुई थी। वहां पर मौजूद लड़कों का कहना था कि पहले बुरका उतारो फिर अंदर जाओ। जब उसने ऐसा नहीं किया तो लड़कों ने उसको घेर लिया और ‘जय श्री राम’’ के नारे लगाने लगे। तो मुस्कान ने भी जवाब में ‘अल्लाहू अकबर’’ का नारा लगाया। फिर लड़की को कॉलेज के टीचर और प्रिंसिपल ने उसका सपोर्ट करते हुए उसे भीड़ से बचा कर बाहर निकाला।‘’
कैसे शुरू हुआ हिजाब का विवाद:
बता दें कि कर्नाटक के उडुपी स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में 6 मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने की वजह से कक्षा में जाने से रोक दिया गया। इससे नाराज छात्राओं ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में छात्राओं द्वारा इजाजत देने की मांग की गई है कि हिजाब (सिर पर दुपट्टा) पहनना भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत एक मौलिक अधिकार है और यह इस्लाम की एक अनिवार्य प्रथा है।
28 दिसंबर, 2021 को याचिकाकर्ता और अन्य छात्राओं को, जो इस्लामी आस्था को मानते हैं, उन्हें कॉलेज परिसर और आयोजित कक्षाओं में प्रवेश से रोक दिया गया। वजह थी उन्होंने हिजाब पहन रखा था। वहीं, कॉलेज का कहना है कि याचिकाकर्ताओं और इसी तरह के अन्य छात्रों ने केवल हिजाब पहनकर कॉलेज के ड्रेस कोड का उल्लंघन किया है। जिस तरह से कॉलेज प्रशासन ने याचिकाकर्ता को कक्षा से बाहर किया है, वो मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ याचिकाकर्ता के भविष्य भी प्रभावित होगा।
राजनीतिक दलों ने ट्वीट कर लड़की का किया सपोर्ट:
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि, ‘’संविधान महिलाओं को उनका पहनावा तय करने का अधिकार देता है। वे जो चाहें वह पहन सकती हैं। फिर वो बिकिनी हो या घूंघट, जीन्स हो या हिजाब। महिलाओं को परेशान करना बंद कीजिए।‘’
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्कान की तारीफ करते हुए ट्वीट कर कहा ‘’मैं लड़की के मां-बाप को सलाम पेश करता हूं। इस लड़की ने मिशाल पेश की है। भीख मांगकर और रोकर कुछ भी नहीं मिलेगा। उस लड़की ने कई कमजोरों को पैगाम दिया है। लड़की ने जो किया वह बहुत हिम्मत का काम था।‘’
नोबेल शांति पुरुस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने भी इस मामले पर टिप्पीणी करते हुए ट्वीट करते हुए लिखी, ‘’हिजाब पहने हुई लड़कियों को स्कूलों में एंट्री देने से रोकना भयावह है। कम या ज्यादा कपड़े पहनने के लिए महिलाओं का वस्तुकरण किया जाता है। भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकना चाहिए।‘’
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