न्यूज डेस्क– चंडीगढ़ के रहने वाले 8वीं फेल त्रिशनीत अरोड़ा को प्रतिष्ठित बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स ने एशिया की ’30 अंडर 30′ लिस्ट में शामिल किया है। 25 साल के त्रिशनीत साइबर सिक्योरिटी एक्सर्ट हैं और खुद की कंपनी टैक सिक्योरिटी के सीईओ भी हैं।
25 साल की उम्र में इतना नाम कमाने वाले त्रिशनीत की सबसे खास बात ये है कि उन्होंने कभी स्कूल-कॉलेज से फॉर्मल एजुकेशन नहीं ली। अपने हुनर और काबिलियत के दम पर त्रिशनीत ये मुकाम इतनी कम उम्र में हासिल किया ।
इससे पहले 2017 में जीक्यू की लिस्ट में शामिल हो चुके है।
त्रिशनीत को फोर्ब्स की ’30 अंडर 30′ लिस्ट में एंटरप्राइज टेक्नोलॉजी कैटेगरी में शामिल किया गया। नए आइडिया और काम से इंडस्ट्रीज में बदलाव लाने के लिए त्रिशनीत को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। इससे पहले त्रिशनीत को साल 2017 में जीक्यू मैगजीन ने ’50 सबसे प्रभावशाली युवा भारतीय’ की लिस्ट में शामिल किया गया था। स्कूल ड्रॉपआउट रहे 25 साल के त्रिशनीत की आज खुद की करोड़ों की कंपनी है। कुछ वक्त पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि कैसे स्कूल छोड़कर वो एथिकल हैकिंग में आए।
शुरुआत से ही खूब भाता था कंप्यूटर
ऐसे हुई एथिकल हैकिंग की शुरुआत त्रिशनित ने बताया कि उन्हें हमेशा से कंप्यूटर का शौक था। हिस्ट्री और जियोग्राफी उन्हें समझ नहीं आती थी लेकिन कंप्यूटर को वो अच्छे से समझते थे। जब उनके घर पहला कंप्यूटर आया तो वो उसपर दिन रात गेम खेलने लगे। उनका ऐसा करने से मां-बाप खुश नहीं थे इसलिए कंप्यूटर पर पासवर्ड लगा दिया, लेकिन त्रिशनित ने पासवर्ड भी क्रैक कर लिया। इसके बाद उनके पिता ने उन्हें डांटा नहीं, बल्कि एक और कंप्यूटर लाकर दे दिया। अब तो त्रिशनित का सारा वक्त कंप्यूटर पर ही बीतने लगा।
कई विदेशी क्लाइंट भी हैं
इसके बाद त्रिशनित ने जितना भी काम किया वो सभी पैसे अपनी कंपनी खड़ी करने में लगा दिया। उन्होंने टैक सिक्योरिटी नाम की कंपनी खड़ी की जिसके आज बड़े-बड़े कस्टमर्स हैं। त्रिशनित पंजाब प्रदेश और क्राइम ब्रांच के आईटी एडवाइजर हैं। रिलायंस से लेकर बड़ी सरकारी अधिकारियों के लिए उनकी कंपनी काम करती है। त्रिशनित हैकिंग पर ‘हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा’, ‘दि हैकिंग एरा’ कई किताबें भी लिख चुके हैं।