थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार (Ashwani Kumar) की हत्या मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार सहित सात पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। आईजी के निर्देश पर एसपी ने यह बड़ी कार्रवाई की।
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परिजनों की नाराजगी के आईजी ने लिया एक्शन
बता दें कि किशनगंज थाने में पार्थिव शरीर आने और गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद परिजनों में पुलिस के प्रति नाराजगी देखी गई। किशनगंज के टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार (Ashwani Kumar) की हत्या के बाद गुस्साए परिजनों ने साजिश के तहत थानाध्यक्ष की हत्या का आरोप लगाया था।
परिजनों का कहना था कि थानाध्यक्ष के साथ गए पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल अगर वहां मौजूद रहकर एक भी गोली चला देते तो शायद भीड़ के चंगुल से उनके भाई की जान बच जाती।
मॉब लिंचिंग का शिकार होए थानेदार…
थानाध्यक्ष (Ashwani Kumar) के भाई प्रवीण कुमार उर्फ गुड्ड़ ने कहा कि रात में जिस जगह बंगाल में उनके भाई छापेमारी में गये थे। उनके साथ किशनगंज अंचल निरीक्षक मनीष कुमार और पुलिस बल भी साथ गए थे। आखिर क्या वजह रही कि अंचल निरीक्षक व पुलिस बल सही सलामत बच गए और थानाध्यक्ष मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए।
परिजनों ने कहा कि बंगाल में हत्या का मामला दर्ज हुआ है। लेकिन बंगाल पुलिस से उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं दिख रही है। केस को वहां से किशनगंज थाना ट्रांसफर किया जाए व हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जाए।
पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बल पर कार्रवाई की मांग
परिजनों की नाराजगी को देखते हुए आईजी व एसपी ने उनसे परिचारी प्रवर के कार्यालय में सम्मानजनक वार्ता की। काफी देर तक परिजन कई बिंदुओं पर चर्चा करते रहे। आईजी ने आश्वस्त किया कि इस कांड में जो भी शामिल हैं सभी को एक-एक कर गिरफ्तार किया जाएगा एवं सजा दिलाई जाएगी।
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