गाँव का किंग जान,बेटी ने दहशत में दी जान,पूरा गाँव है खौफजदा

कानपुर– कानपुर देहात में एक शख्स ने किंग जान की शक्ल अख्तियार कर ली है। जी हां वो सनकी तानाशाह किंग जान की तरह ज़ालिम है।

सनकी किंग जान सूट बूट पहन कर इशारो से दहशत फैलाता है और गाँव का ये सनकी तानाशाह हाथ में कुल्हाड़ी लेकर गाँव की दरों दीवार पर खौफ की इबारत लिखता है। गांव के लोगो के दिलो में खौफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की सनकी तानाशाह शादी शुदा होने के बाद बगल में रह रही औरत को अपने साथ रक्खे है और उस औरत का परिवार सनकी की दहशत के आगे चुप है। इतना ही नही वो अपनी पत्नी बेटीयो को आये दिन मारता है गाँव के हर एक शख्स को गालिया देता है लेकिन कोई कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है वही आज सनकी ने अपनी नाबालिग बेटी को कुल्हाड़ी लेकर मारने के लिए दौड़ाया। बेटी ने भाग कर अपनी जान बचायी लेकिन वो मासूम ज़ालिम बाप की दहशत से इतना डर गयी की उसने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 

कानपुर देहात के बरौर थाना क्षेत्र के मकरन्दापुर गाँव का जहा रहने वाला शख्स सन्तोष के खौफ के चलते उसकी सगी बेटी शशी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दरअसल ज़ालिम सन्तोष बिना किसी वजह के अपनी बीवी बच्चो को बड़ी बेरहमी से मारता पीटता था। दो दिन पहले भी ज़ालिम सन्तोष हाथ में में कुल्हाड़ी लेकर अपने बेटे और अपनी पत्नी को मारने दौड़ा था। बेटी शशि भी ज़ालिम संतोष की क्रूरता का शिकार थी। वो इतना डर और सहम गयी थी की संतोष की दहशत के चलते शशी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 

ज़ालिम संतोष की दहशत का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है बगल के घर में रह रहे सिपाही लाल की पत्नी को लेकर सरे राह सरे आम घूमता है। लेकिन सिपाही लाल और उसके रिश्तेदारों की हिम्मत नहीं जो सनकी संतोष से एक बात कह दे। एक बेबस पति देखता रहता है की उसकी पत्नी को सनकी संतोष खुलेआम लिए घूम रहा है लेकिन वो कुछ नहीं कर सकता। ऐसा नहीं है की सिपाही लाल ने शिकायत नहीं की सिपाही लाल लगभग एक दर्जन प्रार्थना पत्र थाने में दिए लेकिन नतीजा जीरो निकला। इसके बाद ज़ालिम संतोष ने सिपाही लाल को मारने की कोशिश की जैसे तैसे सिपाही लाल ने अपनी जान बचायी। वही सिपाही लाल की माने तो उनकी जान को ख़तरा है और सनकी संतोष उसकी जान ले सकता है। 

सनकी संतोष कुल्हाड़ी लेकर घूमता है गाँव का कोई भी शख्स उससे भिड़ने की हिम्मत नहीं कर सकता। ज़ालिम संतोष की बेटी के पंचनामे के लिए गाँव के 5 लोगो के हस्ताक्षर पुलिस को चाहिए थे लेकिन गाँव का एक भी शख्स हस्ताक्षर के लिए तैयार नहीं था और वजह थी सनकी तानशाह संतोष की दहशत। हालांकि संतोष को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था बावजूद इसके उस सनकी की दहशत कम नहीं हुयी है। 

(रिपोर्ट – संजय कुमार , कानपुर )

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