मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा में होने वाले उप चुनाव के थमने के आसार नजर आ रहे हैं. दरअसल, मुजफ्फरनगर दंगे में दोषी करार दिए गए बीजेपी के निवर्तमान विधायक विक्रम सैनी की नियमित जमानत को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है. इसके बाद विक्रम सैनी की सजा पर रोक लगाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट 21 नवंबर को सुनवाई करेगी.
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मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर ट्रायल कोर्ट ने विक्रम सैनी को 2 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद कोर्ट ने उनको हाईकोर्ट में अपील दाखिल करने तक अंतरिम जमानत दी थी. अंतरिम जमानत के बीच विक्रम सैनी ने हाईकोर्ट में सजा के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. उनकी जमानत का आदेश जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच ने दिया.
जानकारी के मुताबिक, विक्रम सैनी की सजा पर रोक लगने को आधार बनाकर खतौली में हो रहे उपचुनाव पर रोक लगाए जाने याचिका कोर्ट में दाखिल करेंगे. अगर याचिका स्वीकार हुई तो वहां हो रहा उप-चुनाव रुक सकता है.बता दें विक्रम सैनी मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे. मुजफ्फरनगर स्पेशल कोर्ट ने उन्हें दंगों के लिए दोषी माना था और 11 अक्टूबर को 2 साल की सजा सुनाई थी.
यह सजा मिलने की वजह से 4 नवंबर को उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में 27 अगस्त, 2013 को दंगा भड़का था. इन दंगों को लेकर विक्रम सैनी समेत 28 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हुआ था. इसमें मुजफ्फरनगर की स्पेशल कोर्ट ने इन 28 में से 12 लोगों को दो-दो साल की सजा सुनाई है. जबकि, 15 लोग सबूतों के अभाव में बरी हो गए. इस दौरान एक आरोपी की मौत भी हो चुकी है. विक्रम सैनी उस वक्त ग्राम प्रधान थे.
वर्तमान की बात करें तो खतौली विधानसभा से बीजेपी ने राजकुमारी सैनी को प्रत्याशी घोषित किया है. राजकुमारी, विक्रम सैनी की पत्नी हैं. वहीं, सपा से गठबंधन वाली रालोद ने मदन भैया को प्रत्याशी चुना है. मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट विक्रम सैनी की सदस्यता जाने के बाद खाली हुई है. यहां 5 दिसंबर को मतदान होंगे और 8 दिसंबर को परिणाम आएंगे.
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