लखनऊ — राजधानी लखनऊ में एक ही उत्पाद के लिए विदेशों की तर्ज पर बनाने जाने मॉल की तरह लखनऊ में राज्य सरकार खादी प्लाजा बनायेगी. जिसमें खादी के करीब 4 सौ ज्यादा उत्पाद विभिन्न संस्थाओं के बिक्री के लिए होंगे.
राज्य सरकार खादी की बाजार में मांग को देखते हुए खादी उत्पाद बनाने वाली संस्थानों को खासी रियायत दे रही है. केंद्र सरकार ने खादी को ब्रांड के तौर पर स्थापित किया है. फिलहाल राज्य सरकार की संस्था खादी एवं ग्रामोउद्योग भी रणनीति में बदलाव कर बाजार में अपनी पहचान बनाने में जुटी है.
दो दिन पहले राज्य सरकार ने यूपी खादी बोर्ड और अमेजन कंपनी के बीच हुए खादी वस्त्रों की बिक्री के लिए समझौता हुआ है. आॅनलाइन बिक्री से खादी के कपड़े अपने राज्य और भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो जायेंगे. इससे राज्य के खादी वस्त्र निर्माताओं को तो फायदा होगा ही और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. उत्तर प्रदेश में छोटी-छोटी इकाइयों द्वारा तैयार किये जाने वाले खादी के कपड़े अब अपने प्रदेश ही नहीं, बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति को घर पर ही हासिल हो सकेंगे. वहीं दूसरी तरफ अब राज्य सरकार लखनऊ में जल्द ही खादी प्लाजा भी खोलेगी. इसके बाद देश के बड़े शहरों में इसी तर्ज पर प्लाजा खोले जायेंगे.
हाल ही में राज्य सरकार ने खादी इकाइयों की लागत घटाने और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सोलर चरखे से बने सूत को भी खादी उत्पाद की मान्यता दी है. ऐसा करने वाला यूपी देश का पहला राज्य बन गया है.
इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यूपी सरकार की तारीफ की है. फिलहाल यूपी पहला राज्य है, जहां उनकी कंपनी ने खादी के कपड़ों को मार्केटिंग सपोर्ट देने के लिए उन्हें ऑनलाइन बेचने का समझौता किया है. उधर, अमेजन अभी राज्य की आठ खादी संस्थाओं में तैयार हुए 400 तरह के वस्त्रों (प्रोडक्ट) को बेचेगी. इसी तरह की 40 अन्य संस्थाओं में तैयार होने वाले कपड़ों को भी जल्द ऑनलाइन बेचने की प्रक्रिया शुरू होगी.