न्यूज डेस्क– केरल में बाढ़ की वजह से अबतक लगभग 370 लोग अपनी जान गवा चुके है। जबकि सैकड़ो लोग बेघर हो चुके है। जिससे मजबूरन 7,24,649 लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए 5,645 राहत शिविर बनाए गए हैं। दुनिया भर से लोग पैसे, कपड़े, खाने-पीने का सामान भेज रहे हैं।
लेकिन केरल को असल में जरूरत प्लंबर, कारपेंटर और इलेक्ट्रीशियन की है। इस बारे में केंद्रीय मंत्री के.जे अल्फोंस ने बताया कि केरल में बड़ी तादाद में राहत सामग्री आ रही है। हालात भी सुधर रहे हैं, लेकिन इन सब से उबरने के लिए हमें हजारों की तादाद में प्लंबर, कारपेंटर और इलेक्ट्रीशियन की जरुरत है।
क्योंकि पानी हटने के बाद बिजली, पानी की व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी। उन्होंने आगे बताया कि खाद्य सामग्री और कपड़े हमारे पास पर्याप्त मात्रा में आ गए हैं। हमें लोगों की जरूरत है, ताकि लोगों का जीवन वापस पटरी पर आ सके।
वहीं, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमारी सबसे बड़ी चिंता लोगों की जान बचाने की थी। लगता है कि इस दिशा में काम हुआ।” केरल में आखिरकार बाढ़ के सबसे विनाशकारी दौर समाप्त होने के संकेत मिले और कई शहरों व गांवों में जलस्तर में कमी आई।” मुख्यमंत्री ने कहा, “शायद यह अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी है, जिससे भारी तबाही मची है।
इसलिए हम सभी प्रकार की मदद स्वीकार करेंगे।” उन्होंने बताया कि 1924 के बाद प्रदेश में बाढ़ की ऐसी त्रासदी नहीं आई। विजयन ने कहा कि बचाव कार्य का अंतिम चरण जारी है। कई व्हाट्सएप ग्रुप पर मदद की मांग की जा रही है, खासतौर से अलप्पुझा से मदद मांगी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे 22,034 लोगों को बचाया गया है।