दिल्ली — आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास के सितारें इन दिनों गर्दिश में है.तभी तो उनको एक के बाद एक झटके लग रहे है.दरअसल गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली सरकार की तरफ से होने वाले कवि सम्मेलन में कवि कुमार विश्वास को न्योता नहीं भेजा गया है.
इस पर कुमार विश्वास ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोग उनसे नज़रें चुराने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार की कवि सम्मेलनों में अब कोई रूची नहीं है.विश्वास ने कहा है, यह उनके लिए कोई विशेष मुद्दा नहीं है. सरकार के कवि-सम्मेलनों में उनकी कोई रुचि नहीं रही है, लेकिन जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तब से अधिकारी और अकादमी सदस्यों ने उन्हें प्रेमपूर्वक कमोबेश हर कार्यक्रम में अतिथि रूप में बुलाया है.गणतंत्र दिवस के अवसर पर हर साल आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित हिन्दी अकादमी कवि सम्मेलन में वो जाते रहे हैं और श्रोता रूप में पूरे कार्यक्रम में बैठे भी हैं.
वहीं सरकार पर निशाना साधते हुए कुमार विश्वास ने कहा,इस बार परिस्थितियां ऐसी है कि सरकार की हिम्मत नहीं है कि उन्हें श्रोता रूप में भी सहन कर सके. संभवतः सरकार में बैठे लोग उनसे नज़रें चुराने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन लाल किले के कवि सम्मेलन में निमंत्रण मिलना या ना मिलना उनके लिए महत्वपूर्ण विषय नहीं है, क्योंकि वो लोगों के दिलों के लाल किले में बसे हुए हैं.
हालांकि सरकार के सूत्रों के मुताबिक, आप ने किसी भी सरकारी कार्यक्रम में कुमार को बुलाना बहुत पहले बंद कर दिया था, क्योंकि कुमार मौक़ा पाते ही पार्टी के ख़िलाफ़ सार्वजनिक मंच से बयानबाज़ी करते रहते थे.
गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से कुमार विश्वास और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच खटास की खबरें सामने आ रही थी.हीं, ताजा विवाद राज्यसभा चुनाव को लेकर है.पार्टी ने कुमार विश्वास का पत्ता काटते हुए संजय सिंह, एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता को अपना राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किया था. इसके बाद कुमार विश्वास ने केजरीवाल को तानाशाह तक कह दिया.