कर्नाटक के उडुपी स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज से शुरू हुए हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट ने आज यानी मंगलवार को फैसला सुना दिया है। दरअसल, छह छात्राओं को कॉलेज में हिजाब पहन कर जाने से रोके जाने पर उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि, ‘हिजाब पहनना उनका संवैधानिक अधिकार है।” वहीं इस मामले में आज यानी मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ‘हिजाब पहनना इस्लामी आस्था में अनिवार्य धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है।” साथ ही संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित भी नहीं है।
हाईकोर्ट ने ख़ारिज की हिजाब याचिका:
हाईकोर्ट ने हिजाब पर फैसला सुनाते हुए कहा कि ‘शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्ता बरकरार रखते हुए छात्रों को यूनिफॉर्म के नियम मानने चाहिए।साथ ही हिजाब पर रोक के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया। वहीं हिजाव विवाद मामले पर सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की पीठ ने कहा कि राज्य द्वारा स्कूल ड्रेस का निर्धारण अनुच्छेद 25 के तहत छात्रों के अधिकारों पर एक उचित प्रतिबंध है। इलसिए छात्राएं उन संस्थानों में हिजाब पहनकर नहीं जा सकेंगी, जहां पर यूनिफॉर्म तय हो ।
कई जगहों पर धारा 144 लागू:
बता दें कि कोर्ट ने इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए फ़ैसले से पहले राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस महानिदेशक को राज्य को पुलिस को चौकस रहने का आदेश दिया है। वही उडुपी में तो पहले से ही धारा 144 लागू है। लेकिन अब बेंगलुरू, मैसूर और बेलगावी में आज से एक सप्ताह के लिए लागू कर दी गई है। साथ उडुपी, दक्षिण कन्नड़ा, शिवमोगा और कलबुर्गी में स्कूल आज के लिए बंद करा दिए गए।
क्यों हुआ था विवाद:
कर्नाटक के उडुपी गवर्नमेंट पीयू कॉलेज फॉर विमेन में छह छात्राओं को हिजाब पहन कर आने से रोक दिया गया था। मामला उस समय ज्यादा तूल पकड़ लिया जब उडुपी ज़िले के एक कॉलेज में लड़कियों के हिजाब पहन कर क्लास में आने के जवाब में कुछ छात्र भगवा शॉल पहन कर आने लगे। मामला तूल पकड़ता गया और राजनीतिक पार्टियां भी इस विवाद में कूद पड़ीं। वहीं, राज्य सरकार का कहना था कि स्कूल और कॉलेज में पहले से तय किया गया यूनिफॉर्म ही पहना जा सकता है। कॉलेज ने लड़कियों को ये विकल्प भी दिया गया कि वो स्कूल आते और जाते समय वो हिजाब पहन सकती हैं लेकिन क्लास लेते हुए हिजाब उतारना होगा। लेकिन, छात्राओं का कहना था कि वो हिजाब पहनकर ही क्लास लेना चाहती हैं। इसलिए कुछ छात्र इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर की है।
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