उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकरू गांव में हुए नरसंहार कांड के 15 दिन बाते चुके। इस दौरान शुक्रवार को विकास दुबे के घर बाहर जेसीबी (JCB) लगाने वाला ड्राइवर राहुल पाल मीडिया के सामने आया। राहुल ने वारदात की रात के उस भयावह मंजर के बारे में बताया, जिसमें 8 पुलिसकर्मियों की विकास दुबे और उसके साथियों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी।
ये भी पढ़ें..विकास दुबे के बाद अब पुलिस के निशाने पर ये माफिया, टॉप-10 क्रिमिनल की लिस्ट तैयार…
बता दें कि वारदात के दौरान विकास दुबे के घर का रास्ता रोकने के लिए एक जेसीबी (JCB) का इस्तेमाल किया गया था। जेसीबी ड्राइवर ने बताया कि 2 जुलाई की रात जेसीबी को बीच रास्ते में खड़ा करने के लिए विकास दुबे ने ही उससे कहा था। उसने बताया कि ऐसा करने के बाद उसे विकास के घर की छत पर कैद कर दिया गया था। इसके बाद काफी देर तक वहां गोलीबारी होती रही। बाद में विकास और उसके बंदूकधारी बदमाश पता नहीं कहा गायब हो गए।
विकास के कहने पर लगाई गई थी जेसीबी
राहुल ने बताया कि प्रेम प्रकाश नाम का एक शख्स उसके पास आया और कहा कि वह अपनी जेसीबी (JCB) तुरंत ले चले। राहुल ने जब बताया कि अभी काम खत्म नहीं हुआ है तो उसने कहा कि अर्जेंट काम है और विकास भैया (विकास दुबे) ने बुलाया है। जल्दी ले चलो। राहुल ने कहा कि जब वह बिकरू गांव पहुंचा तो देखा कि वहां काफी लोग खड़े थे। इसके बाद जहां अक्सर गाड़ी खड़ी करता था, वहीं गाड़ी खड़ी करने लगे।
लेकिन विकास ने उससे कहा कि गाड़ी रास्ते में लगा दो। ‘जब मैंने कहा कि रास्ता जाम हो जाएगा तो उसने कहा जितना मैं कह रहा हूं उतना सुनो। ज्यादा बकवास करने का टाइम नहीं है। इसके बाद मैंने गाड़ी रास्ते में लगा दी और फिर विकास की छत पर उसे बंद कर दिया गया।
20-25 लोगों ने चलाई थी पुलिस पर गोलियां
राहुल ने बताया कि छत पर मैंने देखा कि वहां पर तकरीबन 20-25 लोग खड़े थे, जो बंदूकें लिए हुए थे। ड्राइवर ने वहां मौजूद लोगों में से बिकरू गांव के लोगों की पहचान की और बताया कि मौके पर विकास दुबे के अलावा धीरू, प्रभात मिश्र, अमर दुबे, जिलेदार, अतुल, प्रेम प्रकाश, शिवम, एक और शिवम के अलावा कई नए लोग भी थे।
10 से 15 मिनट हुई फायरिंग…
राहुल ने बताया कि जब उसे छत पर ले जाया गया, उसके कुछ देर बाद ही वहां फायरिंग शुरू हो गई। कम से कम 10-15 मिनट फायरिंग हुई। बाद में पता चला कि पुलिस पर फायरिंग की जा रही है। जो गोलियां चला रहे थे, वे सब विकास के आदमी थे। फिर कुछ देर बाद उधर से एक आवाज आई और सब शांत हो गया। इसके कुछ देर बाद वहां लाइटें-टॉर्च दिखाई देने लगे। ये लोग (विकास और उसके आदमी) कहां फरार हो गए कुछ पता नहीं चला।
ये भी पढ़ें..विकास दुबे का एक और गुर्गा गिरफ्तार, घर से बरामद हुई पुलिस से लूटी गई AK-47