कानपुर ने दिया है देश की पहली बिना इंजन ट्रेन-18 को आधार

कानपुर–ब्रिटेन, अमेरिका जैसे देश आज भारत के आगे पानी मांगने को तैयार हो गए हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत अब उन पिछड़े देशों में से नहीं है जो विकसित देश अपनी नजर में भारत के लिए एक छवि बनाए हुए थे ।आज भारत ने वह मुकाम हासिल कर लिया है जो विकसित देश  कर चुके थे या करने में लगे हैं। 

भारत की रफ्तार अब बढ़ चुकी है क्योंकि भारत में अभी तक राजधानी और शताब्दी जैसी हाई स्पीड ट्रेनें चल रही थी लेकिन अब भारत में शताब्दी और राजधानी को टक्कर देगी ट्रेन 18,  जिसकी स्पीड इन दोनों ट्रेनों से अधिक होगी । जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि शताब्दी ट्रेन की स्पीड लगभग 120 के आस पास होती है और वहीं पर अब भारत जो ट्रेन  ट्रेन 18 लॉन्च करने जा रहा है उसकी स्पीड लगभग 160 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। 

दरअसल कानपुर के पनकी स्थित फैक्ट्री में यूरोपीय तकनीकी से बोगी फ्रेम बनाए जा रहे हैं जो यह देश की पहली बिना इंजन की ट्रेन होगी l ट्रेन को शताब्दी एक्सप्रेस का विकल्प बताया गया है मगर कम ही लोगों को जानकारी है कि इस ट्रेन के बोगी फ्रेम कानपुर पनकी में तैयार हुए हैं।

कानपुर ने दिया ट्रेन-18 को आधारः

ट्रेन-18, यानी देश की पहली बिना इंजन की ट्रेन l दो दिन पहले चेन्नई में रेलवे बोर्ड चेयरमैन की उपस्थिति में इसका लोकार्पण किया गया l ट्रेन को शताब्दी एक्सप्रेस का विकल्प बताया गया है l ट्रेन-18 की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटे तय की गई है। रफ्तार के लिए सबसे जरूरी है बोगी फ्रेम l अक्टूबर में देश की पहली बिना इंजन की ट्रेन का परीक्षण होना था इसलिए बोगी फ्रेम जल्द मांगे गए थे जुलाई से ही बोगी फ्रेम कानपुर से चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री(आईसीएफ) को भेजे जाने लगे थे कानपुर में पनकी स्थित वेद सेसोमैकेनिकल फैक्ट्री में बोगी फ्रेम तैयार किए जा रहे हैं। यह फैक्ट्री पूर्व में भी शताब्दी,राजधानी और एलएचबी कोच के बोगी फ्रेम बना चुकी है l बता दें प्रतिमाह 16 बोगी फ्रेम देने हैं पहले टेंडर के तहत 320 बोगी फ्रेम की आपूर्ति का काम मिला है।

(रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा, कानपुर)

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