यूपी के कानपुर जिले में शुक्रवार तड़ाके हुए एनकाउंटर में आठ पुलिसकर्मी (police ) शहीद हो गए. वहीं 8 पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद फरार अपराधियों की धर-पकड़ तेज हो गई है.
वहीं कानपुर पुलिस (police) ने कुछ ही घंटों के अंदर एक दूसरी मुठभेड़ अपने आठ साथियों की शहादत का बदला लेते हुए दो अपराधियों को मार गिराया बताया जा रहा है कि ये बदमाश विकास दुबे गिरोह के ही थे। वहीं 3 बदमाश मौके से भागने में सफल रहे हैं, उन्हें भी गोली लगी है.
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इसके अलावा पुलिस (police) ने हमलावरों द्वारा लूटी गई एक बन्दूक भी बरामद की है, जो इस तथ्य की पुष्टि करती है कि वे दुबे गिरोह के ही थे। यह मुठभेड़ डेढ़ घंटे तक चली, जो घटना स्थल से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर थी। वहीं टीम का नेतृत्व कर रहे आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल ने कहा कि शवों की पहचान के लिए स्थानीय लोगों को बुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तीन और अपराधियों को ट्रैक किया जा रहा है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हिस्ट्रीशीटर विकाश दूबे को पकड़ने गई थी पुलिस टीम
बता दें कि कानपुर देहात के शिवली थाना इलाके में पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश देने गई थी. पुलिस यहां हिस्ट्रीशीटर विकाश दूबे को पकड़ने गई थी. दबिश के दौरान बदमाशों ने पुलिस को घेरकर फायरिंग कर दी. इसमें आठ पुलिसवाले शहीद हो गए. विकास दुबे वही अपराधी है, जिसने 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री का दर्जा पाए संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या की थी. वारदात पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी और अपर मुख्य सचिव गृह से बात की है.
एसओ व दो दरोगा समेत आठ शहीद
बताया जा रहा है कि बिल्हौर के सीओ देवेंद्र मिश्र, शिवराजपुर के एसओ महेश यादव, दो सब इंस्पेक्टर और 4 सिपाही शहीद हो गए. इसके अलावा सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बनी हुई है. पुलिस हत्या के प्रयास के केस में शातिर विकास दुबे को अरेस्ट करने गई थी. विकास के खिलाफ 60 केस दर्ज हैं.
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