Kangana Ranaut Controversy Statement: बॉलीवुड अभिनेत्री व हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत के कृषि बिल पर दिए गए बयान पर विवाद बढ़ गया है। कंगना के बयान के बाद कांग्रेस समेत कई दलों ने इस पर सवाल उठाए हैं। हालांकि भाजपा ने तुरंत इससे दूरी बना ली, लेकिन हरियाणा चुनाव में कांग्रेस ने इसे हथियार के तौर पर भुना लिया है।
कंगना ने कृषि कानूनों पर दिया था ये बयान
दरअसल, कंगना रनौत ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की वकालत की है, जिन्हें किसानों के भारी विरोध के बाद केंद्र ने वापस ले लिया था। कंगना का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हरियाणा विधानसभा चुनाव हैं। कंगना का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया जिस पर अभ राजनीतिक हलचल बढ़ गई। हालांकि भाजपा ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया है। भाजपा ने कहा है कि यह कंगना की निजी राय हो सकती है।
कंगना के बयान को भुनाने में जुटी कांग्रेस
एक ओर जहां भाजपा ने कंगना के बयान पर सफाई तो दी है, तो वहीं कांग्रेस अब इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश जुट गई है। कांग्रेस ने इस बयान को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा। कंगना के बयान पर दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने सवाल उठाते हुए कहा, “यह सोचने वाली बात है कि कंगना रनौत को कौन बढ़ावा दे रहा है? पार्टी उन्हें रोक क्यों नहीं रही है?” कांग्रेस ने इस बयान को किसानों का अपमान बताया और भाजपा पर चुप रहने का आरोप लगाया।
इतना ही नहीं कांग्रेस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर कंगना के बयान को शेयर करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा एक बार फिर इन कानूनों को लागू करने की कोशिश कर रही है। किसानों के समर्थन में खड़ी कांग्रेस ने कहा कि अब ये ‘काले कानून’ कभी वापस नहीं होंगे। कांग्रेस ने किसानों के संघर्ष की सराहना की और भाजपा पर निशाना साधा।
कंगना ने लिया यू टर्न- मांगी माफी
हालांकि अभिनेत्री कंगना रनौत ने बुधवार को कृषि कानूनों पर दिए गए अपने बयान पर यू-टर्न लेते हुए माफी मांगी है। कंगना ने कहा कि अब वह कलाकार नहीं बल्कि भाजपा कार्यकर्ता हैं, इसलिए पार्टी की मत ही उनका मत है। उन्होंने कहा कि ये उनकी निजी राय थी, पार्टी का स्टैंड नहीं। उन्होंने कहा कि वह उन शब्दों को वापस लेती हैं, जिनसे लोगों को निराशा हुई है।
भाजपा सांसद कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश में कहा कि पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे किसान कानून पर कुछ सवाल पूछे और मैंने सुझाव दिया कि किसानों को प्रधानमंत्री मोदी से किसान कानून वापस लेने का अनुरोध करना चाहिए। मेरे बयान से कई लोग निराश हैं।
जब किसान कानून का प्रस्ताव आया था, तो हममें से कई लोगों ने इसका समर्थन किया था लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने बड़ी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ इसे वापस ले लिया और हम सभी कार्यकर्ताओं का कर्तव्य है कि हम उनके शब्दों का सम्मान करें।
उन्होंने कहा कि वह एक कलाकार नहीं हैं, अब वह भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हैं। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी राय उनकी निजी राय के बजाय पार्टी की होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि वह उन शब्दों को वापस लेती हैं, जिनसे लोगों को निराशा हुई है।
ये भी पढ़ेंः- Monkeypox Virus ने भारत में दी दस्तक ? जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके
ये भी पढ़ें:-प्रेमी ने प्रेग्नेंट कर छोड़ा, मां-बाप ने घर से निकाला, मसीहा बने दारोगा ने खुशियों से भर दी झोली
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं…)