सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ आज देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश (CJI) पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया पद की शपथ दिलाई। सीजेआई चंद्रचूड़ का कार्यकाल दो साल की अवधि से ज्यादा होगा। वो 10 नवम्बर, 2024 को रिटायर होंगे।
जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट ( CJI) के पवित्र गलियारों से बेहद अच्छी तरह वाकिफ हैं, जहां उनके पिता लगभग 7 साल 4 महीने तक देश के प्रधान न्यायाधीश रहे। शीर्ष अदालत के इतिहास में किसी सीजेआई का सबसे लंबा कार्यकाल रहा है। वो 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक प्रधान न्यायाधीश रहे।
उल्लेखनीय है कि जस्टिस चंद्रचूड़ दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स से बीए ऑनर्स और दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई पूरी कर बाद एलएलएम करने हार्वर्ड लॉ स्कूल चले गए। वो कई विदेशी यूनिवर्सिटी और लॉ कॉलेजों में व्याख्यान दे चुके हैं। वो अमेरिका के ओकलाहामा युनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ और मुंबई यूनिवर्सिटी में कंपरेटिव कांस्टीट्यूशनल लॉ में विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके हैं।
उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत की है । उन्हें जून 1998 में बॉम्बे हाई कोर्ट में सीनियर एडवोकेट का दर्जा दिया गया। वो 1998 से मार्च 2000 तक एएसजी रहे। उन्हें 29 मार्च, 2000 को बॉम्बे हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया। 31 अक्टूबर, 2013 को उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया। 13 मई 2016 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया।
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