बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर JDU ने अपने सभी 115 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. इस लिस्ट में जहां डीजीपी की नौकरी छोड़कर वीआरएस लेने वाले IPS गुप्तेश्वर पांडेय का नाम गायब है, तो वहीं उनके ही जूनियर रहे बिहार के पूर्व आईपीएस अफसर को पार्टी ने टिकट दे दिया है.
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दरअसल गुप्तेश्वर पांडेय के साथ-साथ बिहार के पूर्व डीजी रहे आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार ने भी जदयू की सदस्यता ली थी.
बता दें कि गुप्तेश्वर पांडेय के साथ-साथ बिहार के पूर्व डीजी रहे आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार 31 जुलाई को सेवा से रिटायर होते ही नीतीश कुमार की पार्टी का हाथ थामा था. अब उनको पार्टी ने गोपालगंज की भोरे सीट (सुरक्षित) से टिकट दिया है.
एडीजी और डीजी समेत कई पदों पर किया काम
सुनील कुमार की पहचान पटना के एसएसपी समेत कई जोन के डीआईजी और आईजी को लेकर रही है. नीतीश कुमार के करीबी रहे इस पूर्व आईपीएस ने बिहार में आईजी से लेकर एडीजी और डीजी समेत कई पदों पर रहे हैं.
दरअसल दलित बिरादरी से आने वाले सुनील 1987 बैच के आईपीएस अफसर थे. बिहार की जिस सीट से JDU ने सुनील कुमार को टिकट मिला है, उस पर उनसे पहले उनके बड़े भाई अनिल कुमार भी विधायक रह चुके हैं. अनिल कुमार एक बार जेडीयू और दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने, लेकिन सीटिंग विधायक अनिल की ये सीट महागठबंधन में इस बार लेफ्ट के खाते में चली गई है, ऐसे में सुनील कुमार की राह आसान मानी जा रही है.
गुप्तेश्वर पांडेय 11 साल पहले भी नहीं मिला टिकट
दूसरी ओर 1987 बैच के ही आईपीएस अफसर रहे बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय 11 साल पहले यानी 2009 में भी बिहार की राजनीति में उतरने की कोशिश की थी. इसकी चलते साल 2009 में आईजी रहते हुए उन्होंने वीआरएस लिया था और लोकसभा का चुनाव भी वो बक्सर से ही लड़ना चाहते थे, लेकिन टिकट नहीं मिला था.
बाद में उन्होंने वीआरएस वापस ले लिया था. इस बार भी इस पूर्व अधिकारी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है ऐसे में उनको माननीय बनने के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा.
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