न्यूज डेस्क — मुंबई में सात साल पुराने पत्रकार जेडे मर्डर केस में विशेश मकोका अदालत ने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन समेत 9 को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही सभी दोषियों पर 26-26 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. वही इससे पहले कोर्ट ने मामले की दूसरे आरोपी जिग्ना वोरा और जोसेफ पॉल्सन को बरी कर दिया है.
इसी मामले में साजिश रचने का एक तीसरा आरोपी पॉल्सन जोसेफ भी बरी हो गया है. जे डे हत्याकांड में कुल 13 आरोपी थे, जिनमें ये तीन बड़े नाम थे. छोटा राजन को भारत लाए जाने के बाद पहले मामले में दोषी ठहराया गया है.
बता दें कि साल 2015 में इंडोनेशिया के बाली में गिरफ्तारी के बाद जेडे मर्डर केस पहला ऐसा मामला है, जिसमें छोटा राजन के खिलाफ मुकदमा चला. मुकदमे की सुनवाई के दौरान छोटा राजन को दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया था. वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये अदालत में उसकी हाजिरी होती थी. स्पेशल कोर्ट में 3 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई पूरी हो गई थी. इसके बाद जज समीर अडकर ने 2 मई को फैसले की तारीख मुकर्रर की थी.
इससे पहले जे डे की बहन लीना ने अपने भाई की हत्या में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ फांसी की सजा देने की मांग की थी. लीना ने कहा था कि उनके भाई की आत्मा को तभी शांति मिलेगी जब उनके हत्यारों को फांसी की सजा मिलेगी.
कौन थे जेडे?
जेडे (56) मिडे सांध्य के संपादक थे. मुंबई में उनके पोवई आवास के निकट 11 जून 2011 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में कुल 11 आरोपी थे, जिनमें से 9 दोषी पाए गए हैं. मुंबई के उपनगरीय इलाके में सार्वजनिक स्थान पर दिन दहाड़े डे की क्रूरता से हत्या कर दी गई थी. डे की हत्या के करीब सात साल बाद यह फैसला आया है.