न्यूज डेस्क — भारत ने गुरुवार को श्रीहरिकोटा से अपने PSLV-C 43 रॉकेट का प्रक्षेपण किया. यह रॉकेट पृथ्वी का निरीक्षण करने वाले भारतीय उपग्रह एचवाईएसआईएस और 30 अन्य सैटेलाइट को अपने साथ अंतरिक्ष में लेकर जाएगा, इनमें से 23 सैटेलाइट अमेरिका के होंगे.
इस दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुंसान संगठन (इसरो) ने कहा कि पीएसएलवी की 45वीं उड़ान श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र के प्रथम प्रक्षेपण स्थल से भरी जाएगी. इसरो ने कहा, “एचवाईएसआईएस पृथ्वी के निरीक्षण के लिए इसरो द्वारा विकसित किया गया है. यह PSLV-C 43 का प्राथमिक उपग्रह है.”
इसरो ने कहा कि उपग्रह को 636 किमी ध्रुवीय सूर्य समन्वय कक्ष (एसएसओ) में 97.957 डिग्री के झुकाव के साथ स्थापित किया जाएगा. उपग्रह की अभियानगत आयु पांच साल है. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि एचवाईएसआईएस का प्राथमिक लक्ष्य इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वर्ण पट (स्पेक्ट्रम) के समीप इंफ्रारेड और शार्टवेव इंफ्रारेड क्षेत्रों में पृथ्वी की सतह का अध्ययन करना है.
एजेंसी ने कहा कि एचवाईएसआईएसमें एक माइक्रो और 29 नेनो सेटेलाइट होंगे. ये उपग्रह आठ विभिन्न देशों के हैं. इन सभी उपग्रहों को PSLV-C 43 की 504 किमी वाली कक्षा में स्थापित किया जाएगा. जिन देशों के उपग्रह भेजे जाएंगे उनमें अमेरिका (23 सैटेलाइट) तथा आस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड एवं स्पेन (प्रत्येक का एक उपग्रह) शामिल हैं.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार इसकी उल्टी गिनती बुधवार सुबह 5.58 बजे शुरू हुई। इमेजिंग सेटेलाइट पृथ्वी की निगरानी के लिए है और इसका विकास इसरो द्वारा विकसित किया गया है। यह पीएसएलवी-सी43 मिशन का प्रथम उपग्रह है।