न्यूज डेस्क– कानपुर में तैनात आईपीएस अफसर सुरेंद्र कुमार दास करीब पांच दिनों तक चली जिंदगी मौत की जंग में आखिरकार हार गए। रविवार दोपहर उन्होने दमतोड़ दिया। सुरेंद्र कुमार की मौत की खबर मिलते ही पुलिस विभाग में शोक की लहर फैल गई।
परिजन, पुलिस अफसर, डॉक्टरों की आंखें भी छलक पड़ीं। शाम को पोस्टमार्टम और पुलिस लाइन में गार्ड ऑफ ऑनर के बाद सुरेंद्र कुमार के शव को सरकारी शव वाहन से लखनऊ ले जाया गया। जहां सोमवार को उनका अंतिम संस्कार होगा।
उनका शव पीजीआई के एकता नगर स्थित आवास में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। मूलरूप से बलिया के उजियार भरौली निवासी सुरेंद्र कुमार दास (31) 2014 बैच के आईपीएस थे। दो अगस्त को उनकी तैनाती कानपुर में एसपी पूर्वी के पद पर हुई थी।
सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने दास के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। ओम प्रकाश सिंह ने कल अस्पताल जाकर दास का हाल लिया था। दास की मौत के मामले में अब तक कोई ठोस कारण अब तक सामने नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों ने दास की मौत के पीछे परिवारिक कलह को अहम वजह बताया है।
5 सितंबर की शाम 4:00 बजे के आसपास पुलिस अफसर उन्हे अस्पताल लेकर पहुंचे। अफसरों को सूचना मिली थी कि दास ने कोई जहरीला पदार्थ खा लिया है। जिससे उनकी हालत बेहद गंभीर थी।बाद में पता चला कि दास ने सल्फास खा लिया था। जांच के दौरान उनके कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें परिवारिक विवाद का जिक्र था।
लिहाजा उसी वजह से सुरेंद्र कुमार दास ने अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला किया था। डॉक्टरों और पुलिस अफसरों की हर मुमकिन कोशिश के बाद भी दास की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। उनके शरीर के अंग एक-एक कर काम करना बंद कर रहे थे। दास को बचाने के लिए पुलिस अफसरों ने हाईटेक मशीनें भी मुंबई से मंगवाई।
दास को वेंटीलेटर पर रखने के बावजूद जहर पूरे शरीर में फैलता जा रहा था। यहां तक कि पैरों की नसों में खून जमना शुरू हो गया था। जिसके मद्देनजर डॉक्टरों को ऑपरेशन करने का फैसला लेना पड़ा, लेकिन तमाम कोशिशें बेकार गई और रविवार दोपहर दास ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया।
आईपीएस एसोसिएशन ने भी ‘ट्वीट‘ के जरिये दास के निधन पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि दास एक प्रतिभाशाली और स्नेहिल अधिकारी थे। सभी उन्हें बहुत याद करेंगे। एसोसिएशन इस दुख की घड़ी में दास के परिजन के साथ खड़ी है।
आईपीएस की मौत से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या वाकई उत्तरप्रदेश में तैनात पुलिस अधिकारी बेहद तनाव में काम कर रहे हैं। क्योंकि हाल में ही प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने साफ तौर पर कहा था कि विभाग में कांस्टेबल से लेकर ऊंचे अधिकारी तक बेहद तनाव में काम कर रहे हैं।
इससे पहले भी एटीएस के अधिकारी राजेश साहनी ने अपने दफ्तर में ही गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। हाल ही में एक पुलिस कांस्टेबल ने भी तनाव के चलते अपनी जान दे दी थी। इन घटनाओं से यह साफ है कि वजह चाहे वजह चाहे जो भी हो, यूपी पुलिस फोर्स में फिलहाल सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और इसे जल्द समझा और सुधारा न गया तो हालात और भी भयानक हो सकते हैं।