उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्पेशल डीजी (कानून एवं व्यवस्था) IPS प्रशांत कुमार (IPS Prashant Kumar) को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक ( DGP) के पद पर नियुक्ति किया है। दरअसल DGP विजय कुमार बुधवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनकी जगह पर प्रशांत कुमार को यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। स्पेशल डीजी से पहले वे मेरठ के एडीजी भी रह चुके हैं।
तेज तर्रार पुलिस अफसर प्रशांत कुमार को खासतौर पर अपराध पर लगाम लगाने के लिए जाना जाता है। प्रशांत कुमार को यूपी पुलिस में ‘सिंघम’ के नाम से भी जाना जाता है। इसी वजह से उन्हें योगी सरकार में बेहद अहम जिम्मेदारी दी गई है। प्रशांत कुमार योगी सरकार के सबसे भरोसेमंद अफसरों में से एक माने जाते हैं। 26 जनवरी को उन्हें चौथी बार वीरता पदक से सम्मानित किया गया। उनका कार्यकाल मई 2025 तक है।
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तमिलनाडु में दी 4 साल तक अपनी सेवाएं
बता दें कि बिहार के सीवान जिले के रहने वाले प्रशांत कुमार 1990 बैच के IPS अधिकारी हैं। अपनी पुलिस सेवा के दौरान उन्होंने 300 से अधिक कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिरा चुके हैं। इसके अलावा प्रशांत कुमार ने तमिलनाडु कैडर में 4 साल तक पुलिस सेवा दी। इसके बाद 1994 में प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश आईपीएस कैडर में शामिल हो गए। प्रशांत कुमार को बहादुरी के लिए कई अहम मेडल से भी नवाजा जा चुका है। वो कावड़ियों पर फूल बरसाने को लेकर वह काफी चर्चा में रहे।
वहीं यूपी में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश ने ट्वीट कर कहा- ऐसा लग रहा है कि एक बार फिर यूपी को कार्यवाहक डीजीपी मिलने जा रहा है। जनता पूछ रही है कि क्या कार्यवाहक डीजीपी बनाने का खेल हर बार दिल्ली-लखनऊ के झगड़े के कारण हो रहा है या सरकार की अपराधियों से सांठगांठ के कारण।
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