प्रदेश में IAS और IPS अधिकारियों को भी बहुत कुछ झेलना पड़ता है. खासतौर पर वैसे अफसरों को जो जातीय समीकरण में फिट नहीं बैठते या फिर जिनका कोई राजनीतिक आका नहीं होता. ऐसा ही कुछ हुआ बिहार जिले में मुंगेर रेंज के डीआईजी रहे मोहम्मद शफीउल हक के साथ.
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27 साल की नौकरी में 21 बार ट्रांसफर
दरअसल 21वीं बार ट्रांसफर किए जाने के बाद IPS मोहम्मद शफीउल हक अपने विदाई समारोह में भावुक हो गए. इस दौरान उन्होंने नम आंखों से अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि 27 साल की नौकरी में 21 बार ट्रांसफर हो चुका है क्योंकि उनका कोई गॉडफादर नहीं है.
बार-बार ट्रांसफर होने पर जाहिर की नाराजगी
बता दें कि सोमवार को IPS मोहम्मद शफीउल हक के लिए एक विदाई समारोह आयोजित किया गया था. अपने इस विदाई समारोह में बोलते हुए उन्होंने बार-बार ट्रांसफर होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कहा कि वे अच्छे मूड में नहीं जा रहे.
उन्होंने भावुक होते हुए कहा, मेरा कोई वाया नहीं है, मेरा कोई रिलेशन नहीं है. मेरा कोई गॉडफादर नहीं है. 27 साल की नौकरी में 21 बार तबादला हो चुका है. हमलोग जनता के नौकर हैं और जनता की सेवा करना हमारा काम है. मेरा कोई गॉडफादर नहीं है. मैं जहां भी जाता हूं काम करने के लिए जाता हूं.
IPS अफसर की नजर शेर की तरह होनी चाहिए
गौरतलब है कि पुलिस विभाग की ओर से आयोजित विदाई समारोह में डीआइजी ने कहा कि ट्रांसफर-पोस्टिंग तो नौकरी में लगी ही रहती है, लेकिन काम करने का मौका मिलना चाहिए. काफी कम समय में उन्होंने मुंगेर में अनेक मामलों में लोगों को न्याय दिलाने का काम किया. वास्तव में एक पुलिस पदाधिकारी की नजर शेर की तरह होनी चाहिए. जो दिख जाय उसे छोड़ा नहीं जाय.
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