प्रतापगढ़ –उत्तर प्रदेश का प्रतापगढ़ जिला अवैध शराब की मंडी बन चुका है। सरकार कोई भी हो इन शराब माफियाओ का काला कारोबार बदस्तूर जारी है। यहाँ करोड़ों की शराब और शराब बनाने के उपकरण व फैक्ट्रिया बरामद होती रही हैं। बावजूद इसके शराब तस्करी रुकने का नाम नही ले रही।
बता दें कि कुंडा सर्किल के नबावगंज थाना इलाके में एक इन्स्पेक्टर के फार्म हॉउस के पास एक दस चक्का ट्रक पर लदी 875 पेटी अवैध शराब स्वाट टीम इंटेलिजेंस विंग और इलाकाई पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर बरामद किया। ये शराब हरियाणा की बनी हुई बताई जा रही है जिसे अरुणचल प्रदेश में बैधानिक रूप से बेचा जा सकता है। इस छापेमारी में ट्रक समेत एक ब्रेजा कार, तीन पिकप, एक पिस्टल और पांच अदद जिन्दा कारतूस 32 बोर बरामद किया गया। मौके से अजय सिंह और अरुण सिंह सहित पांच लोग गिरफ्तार किये गए जबकि दो लोग मौका पाकर फरार हो गए।
गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया की इस खेल के पीछे महेशगंज कोतवाली इलाके के पुरमई का रहने वाला चर्चित शराब माफिया सुधाकर सिंह है। जिसकी राजनितिक गलियारे में ऊँची पहुंच है। जिसके चलते अब तक पुलिस के हाथ इस शराब माफिया के गिरेबान तक नहीं पहुंच सके। जबकि सुधाकर धड़ल्ले से अपने शराब के काले कारोबार को चला रहा है। पकड़े गए अभियुक्तों ने ये भी स्वीकार किया की शराब की छमता बढ़ाने के लिए इसमें हानिकारक केमिकल भी मिलाया जाता जिसके चलते शराब बहुत तेजी से असर करती है।
अधिकारिओ का दवा है की ये खेप होली के मद्दे नजर लाई गई थी। जबकि वर्षो से जिले में अवैध शराब का कला कारोबार फलफूल रहा है वो भी माफियाओ के साथ ही नेताओ और पुलिस की मदद से। बता दे उक्त फार्म हॉउस इंस्पेक्टर ने अपने रिस्तेदार के नाम अभी हाल ही में खरीदा है। पहले यह फार्म हॉउस कुंडा मे तैनात एक डॉक्टर का था।
(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़)