भारतीय पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच आर-पार की लड़ाई शुरू हो चुकी है. शुक्रवार को दिन पहलवानों जंतर मंतर पर डटे है. गुरुवार देर रात केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के बुलावे पर धरना देने वाले पहलवान उनके सरकारी आवास पर पहुंचे. यहां पहलवानों के साथ खेल मंत्री ने डिनर किया. रात 10 बजे शुरू हुई बैठक देर रात करीब पौने दो बजे तक चली. हालांकि आज फिर से खेल मंंत्री और खिलाड़ियों के बीच बैठक होगी.
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सूत्रों के मुताबिक, कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को फोन किया गया और 24 घंटे के अंदर इस्तीफा देने का आदेश सुनाया दिया गया है. हालांकि, बृजभूषण शरण सिंह अभी इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि वे खेल महासंघ की 22 जनवरी को आयोजित इमरजेंसी बैठक के बाद आगे का निर्णय लेंगे. फिलहाल, ये जंग अभी थमते नहीं दिख रही है. माना जा रहा है कि अगर बृजभूषण तय समय में इस्तीफा नहीं देते हैं तो पद से हटा दिया जाएगा.
बताते चलें कि बुधवार को भारतीय पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक समेत 30 पहलवानों ने कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला और विरोध-प्रदर्शन किया. खिलाड़ियों का कहना था कि महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण किया जाता है. उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है. WFI अध्यक्ष सरेआम पहलवानों के साथ अभद्रता करते हैं और गाली-गलौज करते हैं. पहलवानों का दावा है कि कुश्ती महासंघ नियमों के नाम पर रेसलर्स का उत्पीड़न कर रहा है. पहलवानों ने कुश्ती महासंघ को भंग करने की मांग उठाई है.
वहीं, आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह ने सफाई दी और कहा कि अगर आरोप सही साबित हुए तो मैं फांसी पर लटकने के लिए तैयार हूं. इस घटनाक्रम के बाद खेल मंत्रालय ने बुधवार रात ही कुश्ती महासंघ को स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए और 72 घंटे के अंदर जवाब देने के लिए कहा. लखनऊ में 18 जनवरी से होने वाले कैम्प को रद्द कर दिया गया. दिल्ली महिला आयोग ने भी मामले में संज्ञान लिया और खेल मंत्रालय को नोटिस भेजा.
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