लखनऊ — रेलवे बोर्ड ने 100 दिन के एक्शन प्लान में देश की दो प्रीमियम ट्रेनों को निजी क्षेत्र की मदद से दौड़ाने की योजना बना ली है। इसमें पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस लखनऊ से दिल्ली के चलेगी। दूसरी ट्रेन दक्षिण भारत में चल सकती है।
लखनऊ पहुंचे तेजस एक्सप्रेस को निजी क्षेत्र की मदद से चलाया जाएगा। शुरुआत में इस ट्रेन की टिकटिंग, बोर्डिंग और खानपान की जिम्मेदारी रेलवे की संस्था भारतीय रेलवे खानपान पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) की होगी। जिसे बाद में एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट के जरिए ऊंची बोली लगाने वाली निजी कंपनी को सौंपा जाएगा।रेलवे बोर्ड ने 11 क्षेत्रों में नई सुविधाएं देने का एक्शन प्लान बनाया है। जिसके तहत 100 दिनों में इसे लागू करने की समय सीमा तय की गई है। रेलवे यूनियन ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने का विरोध कर रहे हैं।
इस ट्रेन को चलाने का जिम्मा जोनल रेलवे की जगह आइआरसीटीसी को देने के लिए बोर्ड मुख्यालय में एक बैठक भी हो गई है। दिल्ली और लखनऊ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस देश की पहली प्राइवेट ट्रेन होगी। रेलवे ने सौ दिन के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए शुरुआती तौर पर दो प्राइवेट ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने तमाम विरोध के बीच आखिरकार रेलवे के निजीकरण की ओर कदम बढ़ा दिया है। रेलवे बोर्ड अब दिल्ली-लखनऊ के अलावा दूसरे 500 किमी दूरी के मार्ग के चयन में जुटी है, जहां दूसरी प्राइवेट ट्रेन चलाई जाएगी।
बता दें कि दिल्ली से तेजस एक्सप्रेस को चलाए जाने का ऐलान 2016 में हुआ था, लेकिन इसे नए टाइमटेबल के साथ हाल ही में उतारा गया है। दिल्ली-लखनऊ रूट पर तेजस ट्रेन का लंबे वक्त से इंतजार था।