बहराइच– भारतीय परंपरा में पैर छूकर अभिवादन करना उत्कृष्ट सम्मान का सूचक है। यहां तो हर मौके पर ही अपने बड़ो के पैर छुए जाते हैं। लेकिन इस जिले में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है।
मामला जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से जुड़ा है। यहां के डीआईओएस पैर छूने की परंपरा से आजिज आ चुके हैं। कहना है कि चेहरे पर झूठी मुस्कान और अभिवादन के नाम पर पैर के बजाय घुटने छूने की परंपरा आम हो चुकी है, जो सर्वथा गलत है। उन्होंने चरण स्पर्श पर प्रतिबंध लगाते हुए बकायदा कार्यालय में नोटिस चस्पा करा दी है। नोटिस के अनुसार कार्यालय के किसी कर्मचारी या अधिकारी का चरण स्पर्श करना निषेध है। ऐसा करने पर आशीर्वाद के बजाए लोग दंड के भागीदार हो सकते हैं। तो यदि आप डीआइओएस कार्यालय आए तो खबरदार यहां किसी का चरण स्पर्श मत करियेगा। डीआईओएस का यह आदेश पत्र सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
जिला विद्यालय निरीक्षक राजेन्द्र कुमार पांडेय अपने कारनामों से सुर्खियों में सदैव बने रहते हैं। कभी गिरिजापुरी स्थित सिंचाई विभाग के शारदा सहायक परियोजना इंटर कॉलेज के हस्तांतरण का मामला हो या कॉलेजो में नियुक्तियों का मामला। बोर्ड परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के मामले में भी डीआईओएस चर्चा में खूब रहे हैं। इन दिनों महसी तहसील में बोर्ड परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों से बात करते हुए दो शिक्षकों पर केस दर्ज कराने का मामला भी जिले में खूब गर्माया हुआ है।
शिक्षकों पर कार्रवाई के बाबत डीआईओएस राजेंद्र पांडेय ने अपने कार्यालय में नोटिस चस्पा कराई है। लेकिन इसी के साथ एक अन्य चस्पा नोटिस सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जो हंसी का पात्र बन रही है। दरअसल, डीआईओएस कार्यालय पहुंचने वाले लोग और इस कार्यालय में तैनात कर्मचारियों में चरण छूकर अभिवादन करने का चलन आम हो चुका था। डीआईओएस अपनी गाड़ी से उतर भी नहीं पाते थे, लोग भीड़ लगाकर अभिवादन में जुट जाते थे। वहीं कार्यालय में पहुंचने पर भी चरण छूने की परंपरा में डीआईओएसस का काफी समय बर्बाद होता था। इससे तंग आकर डीआईओएस ने नोटिस जारी कर दी है।
एनबीटी ने जब डीआईओएस राजेन्द्र पांडेय से बात की तो वे पहले हंस पड़े। बोले कि लोग अपना काम निकालने के लिए चेहरे पर झूठी मुस्कान लिए चरण स्पर्श करते हैं। लोग पैर नहीं छूते, सिर्फ घुटना स्पर्श करते हैं। कुछ मेरा व्यक्तित्व भी ऐसा है, जिसके प्रभाव में आकर पैर छूते हैं। लेकिन ये सब गलत है। इसी परंपरा को खत्म करने के लिए कार्यालय में पैर छूने पर प्रतिबंध लगाया गया है। नोटिस के अनुसार सिर्फ मेरा पैर छूना मना नहीं किया गया है, बाकी अन्य कर्मचारियों व अधिकारियों के चरण स्पर्श पर निषेध लगाया गया है। यह आदेश सिर्फ चाटुकारिता के परंपरा को खत्म करने के लिए कार्यालय में प्रभावी किया गया है, लेकिन कुछ शिक्षकों ने इसे हास्यास्पद बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है।
रिपोर्ट- अनुराग पाठक, बहराइच