फर्रूखाबाद– स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना। मंशा थी, गांवों को शौचमुक्त करना। इसके लिए सरकार ने करोड़ों रुपये का बजट दिया। मगर ये योजना भी भ्रष्ट प्रशासनिक तंत्र की भेंट चढ़ गई। अफसरों ने रकम डकारने के बाद गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया।
मगर हकीकत ये है कि इस गांव में सौ फीसद शौचालय नहीं बने हैं और जो बने हैं वो अधूरे हैं। वही जिले के परिषदीय विद्यालयों में शौचालय व्यवस्था भी ध्वस्त है। कहीं शौचालय जर्जर पड़े हैं तो कहीं गंदगी पसरी है। कहीं-कहीं शौचालयों के अंदर पानी जाने का इंतजाम भी नहीं है। बहोरनपुर टप्पा हवेली के मजरा कल्लू नगला में शौचालय नहीं बने हैं। बच्चों को खुले मैदान में जाना पड़ता है। अधिकारियो ने प्रधान से जबरदस्ती ओडीएफ घोषित करवा दिया
सोच बदलना जरूरी है, अन्यथा रोजाना बहू-बेटियों को शर्मसार होना पड़ेगा। इस दर्द को कमालगंज में ग्राम बहोरनपुर टप्पा हवेली के मजरा कल्लू नगला की बहु बेटियां अरसे से बर्दाश्त कर रही हैं। गांव की सोच नहीं बदलने के कारण बेटियों के सामने रोजाना सुबह खेत में जाने की मजबूरी है। घर से लोटा लेकर निकलते ही चंद कदम बाद गांव के मजनू पीछे लग जाते हैं। अश्लील फब्तियों, द्विअर्थी डॉयलाग और खेतों की झुरमुट तक पीछा करना दस्तूर बन गया है।
बहोरनपुर टप्पा हवेली के मजरा कल्लू नगला के लोगो ने बताया कि शौच से मुक्त करने के लिए सरकारी अमला कागजों में खानापूर्र्ति कर रहा है। पंचायतों में ग्रामीणों द्वारा लगातार शौचालयों की मांग के बाद भी नहीं बन रहे है। तो वहीं ग्रामीण भी खुले में शौच जाने के लिए मजबूर है। दर्जनों की संख्या में ग्रामीण बाहर शौच करने के लिए जा रहे थे, तो कुछ लोग शौचालय निर्माण करवाने की बात कह रहे थे। जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने ओडीएफ प्रमाण पत्र की लालच में ग्राम पंचायतों को शौच मुक्त कर दिया। प्रचार प्रसार में भी जिम्मेदारों द्वारा लाखों रूपए खर्च किए गए है। फिर भी गांव जमीनी स्तर पर शौचमुक्त नहीं हो पाया।
जब इस मामले में प्रधान पप्पू यादव से बात की तो बताया की गांव में 95 शौचालय अभी तक नहीं बने है और जबरदस्ती ओडीएफ करवा दिया गया है ।इस मामले में सीडीओ अपूर्वा दुबे का कहना है की जाँच कर कार्यवाही करवाई जाएगी
(रिपोर्ट-दिलीप कटियार,फर्रूखाबाद)