कानपुर– उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पांच महानगरों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था निजी हाथों में देने के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन अब और मुखर हो गया है। कानपुर में विरोध प्रदर्शन के एक हफ्ता पूरा होने के बाद केस्को (कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कार्पोरेशन) के हज़ारों अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक दिन का कार्य बहिष्कार कर दिया।
सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें न मानी गई तो वो हड़ताल करेंगे। लखनऊ, बनारस, मेरठ, गोरखपुर और मुरादाबाद में विद्युत वितरण व्यवस्था निजी हाथों में सौंपे जाने की तैयारी से पहले ही पूरे सूबे के बिजली अधिकारी और कर्मचारी लामबंद होकर सरकार के इस फैसले के विरोध में आ गये हैं। राज्य के हर जिले में पिछले एक हफ्ते से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। 28 मार्च को निजी कम्पनियां पांच जिलों की बिजली व्यवस्था अपने हाथ में लेने के लिये टेण्डर प्रक्रिया में शामिल होंगी।
संयुक्त संघर्ष समिति ने टेंडर पड़ने से रोकने के लिये एक दिन पहले यानि 27 मार्च को प्रदेश स्तर पर कार्य बहिष्कार किया है। इसके पहले सरकार आगरा की बिजली आपूर्ति व्यवस्था निजी क्षेत्र की कम्पनी टोरेंट को दे चुकी है। अब अगले चरण में पांच महानगरों का निजीकरण करने की योजना है। निजीकरण का विरोध कर रही संघर्ष समिति का आरोप है कि आगरा में निजी कम्पनी सरकार को पौने चार रूपये प्रति यूनिट की दर पैसा दे रही है जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियां छह रुपया प्रति यूनिट की दर से राजस्व वसूल कर सरकार को दे रही है।