एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल का दिखा असर, इमरजेंसी में मरीजों की संख्या घटी

फर्रुखाबाद–नगर के आवास विकास स्थित जिला लोहिया अस्पताल में 102 और 108 एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रही। मांगों के समर्थन में एंबुलेंस चालक धरना पर बैठे रहे।

चालकों की हड़ताल से जिले भर से सीएचसी, पीएचसी और जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की जान आफत में पड़ी हुई है| संगठन के जिलाध्यक्ष कश्मीर सिंह के नेतृत्व में एम्बुलेंस के चालकों नें प्रदर्शन किया| इसके साथ ही साथ अपनी मांगों पर जल्द कार्यवाही की मांग की| चालकों का कहना है कि जब तक प्रदेश नेतृत्व कहेगा जिले पर भी सभी 46 एम्बुलेंस के पहिये जाम रखे जायेंगे|सरकारी एंबुलेंस चालकों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रही हैं।

गंभीर मरीजों के साथ ही गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल ले जाने और अस्पताल में जिन महिलाओं का प्रसव हो चुका, उन जच्चा-बच्चा को सुरक्षित घर ले जाने में उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हड़ताल के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ने का दावा कर रहे हैं। एंबुलेंस चालकों की हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो गई। गर्भवती महिलाओं को लाने ले जाने में तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

गनीमत रही कि दिन में कोई गंभीर मरीज नहीं आया। इससे अस्पताल प्रशासन ने राहत की सांस ली। प्रसूताओं को लोग अपने वाहनों से लेकर पहुंचे। जिन प्रसूताओं की छुट्टी हो गई थी, उनको निजी वाहनों से ले जाया गया। वही लोहिया अस्पताल की आपात कालीन वार्ड में मरीज ना के बराबर भर्ती हुए| हड़ताल के चलते इमरजेंसी में मरीजों की संख्या भी घटी है|

(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद)

impact of the strike of ambulance
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