लखनऊ–जहाँ एक तरफ उच्च न्यायालय लगातार अवैध निर्माणों पर लगाम लगाने के लिए सरकार और एलडीए को आदेश व निर्देश जारी कर रहा है वहीं मुख्यमंत्री भी अवैध निर्माण करने वालों भूमाफियाओं बिल्डरों पर रासुका लगाने और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की बात कर रहे हैं ।
इसके ठीक उलट राजधानी लखनऊ में भूमाफियाओं बिल्डरों और एलडीए के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत तमाम आदेशो और निर्देशों को अपने जूतों की ठोकर से तार तार कर उसके परखच्चे उड़ा रही है । निराला नगर हो , सिंगार नगर , कृष्णा नगर, आशियाना, एलडीए कॉलोनी कानपुर रोड , कैन्ट रोड हो या सरफराजगंज , बालागंज हो हर तरफ अवैध निर्माणो का निर्माण रोज़ हो रहा है । न्यायपालिका के आदेशों की परवाह किये बिना उसकी लगातार अवमानना करना और मुख्यमंत्री की रासुका की चेतावनी को हवा मे उड़ा देना आज राजधानी लखनऊ में कोई नयी बात नहीं रह गयी है । इनके बारे में तमाम शिकायतें मुख्यमंत्री पोर्टल पर , एलडीए के आला अधिकारियों तक को दी गयी हैं लेकिन इनको रोकने की जगह अधिकारी इसे बचाने और संरक्षण देने में ज्यादा लगे हुए हैं ।
इन निर्माणो के कारण रिहायशी इलाकों में कॉलोनी में रहने वालों की निजता और सुरक्षा का तो हनन हो ही रहा है साथ मे अवैध बोरिंग के चलते जल दोहन , आवासीय भूखण्डों पर बने व्यावसायिक निर्माणो को व्यवसायिक बिजली देने से संसाधनों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है और अगल बगल रह रहे अन्य लोगों की जान माल की सुरक्षा में भी सेंध लग रही है । लोगों के घरों के सामने ही सड़को पर अवैध पार्किंग बन गयी है जिसके चलते अराजकता की स्थिती भी बहन बेटियों बुजुर्गों और बच्चों के लिए एक बड़ा खतरा बन कर उभरी हैं । इन सब बातों को लेकर स्थानीय नागरिकों में खासा आक्रोश भी है लेकिन दबंग बिल्डरों , भूमाफियाओं और उनकी पुलिस व अन्य संबंधित विभागों से साठ गांठ के चलते वो कोई बड़ा विरोध जताने से डरते हैं ।
(रिपोर्ट-अंशुमान दुबे, लखनऊ)