दिल्ली-हरियाणा के बाद उत्तर प्रदेश में भी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट अनिवार्य कर दी है। जिसके चलते लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अगर किसी वाहन पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट नहीं लगी हुई है, तो परिवहन विभाग से संबंधित काम नहीं होंगे।
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परिवहन विभाग ने बिना हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट वाले वाहनों के 13 कामों पर रोक लगा दी है। इसलिए वाहन की फिटनेस हो या फिर रजिस्ट्रेशन से संबंधित कोई काम, चालक पहले नंबर प्लेट लगवा ले इसके बाद एआरटीओ कार्यालय में प्रवेश मिल सकेगा।
परिवहन अधिकारियों के मुताबिक परिवहन आयुक्त के आदेश अनुसार, 19 अक्टूबर से बिना हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगे वाहन का कोई काम विभाग में नहीं किया जाएगा। ऐसे वाहनों का न तो टैक्स कटेगा और न ही फिटनेस आदि से जुड़ा कोई काम किया जाएगा।
आपको बता दें कि नोएडा एआरटीओ कार्यालय में रोजाना 150 से अधिक आवेदक इस तरह के कामों को कराने के लिए आते हैं। अब तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट ने होने पर केवल व्यवसायिक वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र देने पर रोक थी। लेकिन अब निजी व व्यवसायिक दोनों तरह के वाहनों के परिवहन विभाग से जुड़ा कोई काम नहीं हो पाएगा।
गौतम बुद्ध नगर जिले में छह लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड वाहन हैं। इनमें से आधे से ज्यादा पर अभी तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट नहीं लगी हुई है।
इन कामों पर लगीं रोक-
– सेकेंड हैंड वाहनों के रजिस्ट्रेशन व ट्रांसफर की प्रक्रिया – व्यावसायिक वाहनों के टैक्स से जुड़े सभी तरह के काम
– वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर पते में बदलाव- व्यावसायिक वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट से जुड़ा काम- वाहनों के ट्रांसफर से संबंधित नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट- वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का नवीनीकरण- व्यावसायिक वाहनों के नए परमिट व पुरानों का नवीनीकरण- व्यावसायिक वाहनों के अस्थायी परमिट व विशेष परमिट- हाईपोथैकेशन केंसेलेशन और हाईपोथैकेशन एंडोर्समेंट-वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) से संबंधित काम