राज्य सरकार IAS अफसर को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार प्रदेशवासियों को योजनाओं का लाभ देने और उन्हें समय से न्याय दिलाने को डीएम की तैनाती के लिए परफार्मेंस को आधार बनाने पर जोर देने जा रही है।
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अब डीएम की कुर्सी पर बने रहने या फिर बनने की चाहत रखने वाले आईएएस अफसरों को अपनी परफार्मेंस सुधारनी होगी। इतना ही नहीं सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रों को अनिवार्य रूप से देना होगा। शिकायतों का सही तरीके से निस्तारित करना होगा, झूठी सूचना देना भारी पड़ेगा।
डीएम को सुधारनी होगी अपनी छवि
दरअसल सरकार चाहती है कि प्रदेश की जनता के साथ किसी तरह का कोई अन्याय न हो। इसके लिए सबसे जरूरी है कि योग्य और साफ छवि वाले IAS अफसरों की डीएम के पद पर तैनाती की जाए।
सूत्रों की माने तो उच्च स्तर से निर्देश दिया गया है कि जिलों में साफ छवि वाले IAS अफसरों को ही डीएम बनाया जाए। इसके साथ ही किसी डीएम को हटाने से पहले उसका परफार्मेंस रिकार्ड देखा जाए। मसलन जिले में रहने के दौरान उसने लोकहित में कितना काम किए हैं। प्रत्येक आईएएस अफसर का परफार्मेंस रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाए, जिससे तैनाती के समय इसको आधार बनाया जाए।
अफसरों के ऊपर से हटेगा दोहरा चार्ज
इसके साथ ही शासन स्तर या फिर निदेशालय स्तर पर दोहरा चार्ज हटाने की तैयारी है। सरकार चाहती है कि बड़े विभागों वाले अधिकारियों के पास किसी दूसरे बड़े विभाग का अतिरिक्त प्रभार न हो। इससे कामों पर असर पड़ता है और समय से काम में भी बाधा आती है। अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के कई अधिकारियों के पास इस समय दोहरा चार्ज है।
इनके पास दोहरा चार्ज..
दीपक कुमार प्रमुख सचिव आवास के साथ नगर विकास विभाग
जितेंद्र कुमार भाषा के साथ संस्कृति, राष्ट्रीय एकीकरण, पर्यटन
अनुराग श्रीवास्तव नमामि गंगे, ग्रामीण जल संसाधन के साथ लघु सिंचाई, भूजल
आलोक सिन्हा एपीसी के साथ वाणिज्य कर का अतिरिक्त प्रभार
रेणुका कुमार एसीएस राजस्व विभाग के साथ बेसिक शिक्षा
मनोज कुमार सिंह एसीएस ग्राम विकास विभाग के साथ पंचायती राज विभाग।
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