सोनभद्रः जीरो टालरेंस की बात करने वाली मोदी और योगी की सरकार में नौकरशाह अपनी बल्ले-बल्ले अपने नियमो के ताक पर रख रहे है । इसका सीधा उदहारण देश के अति पिछड़े 115 जिलो में शामिल सोनभद्र में देखा जा सकता है। यहां मुख्य विकास अधिकारी आईएएस अजय कुमार द्विवेदी (IAS Ajay) ने डीआरडीए विभाग की एम्बेसडर कार को लाखों रुपये लगाकर बनवाने के बाद 30 हजार रुपये में नीलम कर दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह एम्बेसडर कार जिसका नम्बर यूपी 64 बी 0001 जो परियोजन निदेशक डीआरडीए के नाम उप सम्भागीय परिवहन विभाग में 24 जुलाई 1998 में पंजीकृत है। इस एम्बेसडर कार का वर्ष 2013 तक फिटनेश था। कार को तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी डा. केडी राम ने बगैर परिवहन विभाग के अनुमति के स्क्रेप घोषित कर दिया था। कार को वर्तमान मुख्य विकास अधिकारी आईएएस अजय कुमार द्विवेदी (IAS Ajay) ने विकास कार्यो के लिए आये धन का दुरुपयोग करते हुए लगभग 4 लाख रुपये खर्च करके मरम्मत कराया।
30 की उत्ततम बोली पर किया नीलाम…
इस दौरान सीडीओ ने पेट्रोल इंजन को बदलवाते हुए डीजल इंजन करा दिया। जिससे एम्बेसडर कार का इंजन नम्बर भी बदल गया। अति पिछड़े जनपद में विकास के रुपये को अपने हिसाब से खर्च करते हुए सीडीओ ने एम्बेस्डर कार को 30 हजार रुपये की उच्चतम बोली में नीलाम कर दिया। इस एम्बेसडर कार की नीलामी के लिए बाकायदा तीन सदस्यी टीम भी बनाई गई। इस तीन सदस्यी टीम में अध्यक्ष एसडीएम सदर यमुनाधर चौहान, परियोजना अधिकारी व एआरटीओ सदस्य शामिल रहे।
इस कार से सीडीओ चलते थे तो सीडीओ ने कार मरम्मत कराने के बाद किन वजहों से चमचमती कार को नीलाम करा दिया। सीडीओ के इस गैर जिम्मेदाराना कार्य की चर्चाओ का बजार गर्म है। चर्चा पर गौर करे तो यह भी सुना जा रहा है कि क्या सीडीओ आईएएस अजय कुमार द्विवेदी कार को अपने घर ले जाने के लिए नीलाम कराया है ? बताते चले कि जल संरक्षण को लेकर तत्कालीन जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल और सीडीओ आईएएस अजय कुमार द्विवेदी ने राजस्थान की तर्ज पर जिले में टाका बनाने और कूप जीर्णोद्धार के नाम पर करोड़ो रूपये का बंदरबांट किया है, जिसकी जांच की मांग लोग करते रहे है।
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(रिपोर्ट- रविदेव पाण्डेय, सोनभद्र)