लखनऊ — वृन्दावन योजना रायबरेली रोड स्थित कार्यालय पर भारतीय किसान यूनियन ( टिकैत) के बैनर तले सैकड़ों किसानो ने आवास विकास वृन्दावन योजना के कार्यालय का घेराव करते हुए अपनी मांगो को लेकर धरने पर बैठ गए ।
किसानों का आरोप है कि आवास विकास के अधिकारी किसानों की समस्याओं का निस्तारण करने में हीलाहवाली कर रहे हैं।और जिन किसानों के घर उनके गांव में 2002 के पहले से बने हैं उन्हें भी गिराने की नोटिस भेज दिया है ।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिला अध्यक्ष सरदार गुरमीत सिंह ने बताया कि आवास की वृन्दावन योजना में किसानो अधिग्रहित की गयी जमीनो के बाद विभाग उनके साथ अनदेखी कर रहा है। किसानो का जमीन के बदले 5 प्रतिशत विकसित प्लाट देने वाला मामला सुचारू रूप से संचालित नहीं हो रहा है। जिसको लेकर आक्रोशित किसानों द्वारा गुरुवार को विशाल धरना किया गया। किसानो की मांग है कि जिन गांवो की जमीने गयी है उनमें पेय जल, बिजली, सड़क ,शिक्षा व अस्पताल की व्यवस्था की जाये।
2002 से पहले बने मकानो को भी आवास विकास जैसी सुविधाए दी जाये। वृन्दावन योजना की तरह अवध विहार योजना के किसानो को भी 5 प्रतिशत जमीन दिया जाये। गांव के किनारे बाउन्ड्री करवायी जाये। जो भी किसानो पर मुकदमे है उन्हे वापस लिया जाये। कुछ भू माफियाओ ने किसानो की जमीन हथिया ली है उसे छुड़ाया जाये। अधिग्रहीत भूमि में बने शमशान को चिन्हित कर सौदर्यीकरण कराया जाये। ऐसी ही 11सूत्री मांगो को लेकर गुरुवार को सैकड़ों किसान सुबह से शाम तक डटे रहे।
किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष अनार सिंह उर्फ अन्नू यादव ने बताया कि आवास विकास के अधिकारियों ने बरौली खलीलाबाद गांव में 283 घरों को गिराने का नोटिस भेजा है, जो कि किसानों के साथ किये गए समझौते का उल्लंघन है।
आवास विकास कार्यालय पर गुरुवार सुबह से धरने पर बैठे किसानों की बात सुनने कोई अधिकारी नहीं आया तो किसान शाम करीब साढ़े चार बजे रायबरेली रोड शनिमंदिर पर बैठ गए, जिसकी सूचना मिलते ही सीओ कैंट के साथ भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुँच गया,एसडीएम सरोजनी नगर शैलेन्द्र सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि बिना मुआवजा राशि दिये किसी ग्रामीण का मकान न तो गिराया जाएगा, न ही अधिग्रहित किया जाएगा,इसी आश्वासन पर किसानों ने धरना स्थगित कर दिया।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिला अध्यक्ष गुरमीत सिंह, व उपाध्यक्ष अनार सिंह अन्नू ने कहा कि एसडीएम सरोजनी नगर शैलेंद्र सिंह की बात को मानकर धरना स्थगित किया है अगर न्यायोचित कदम सरकार नहीं उठाती तो किसान आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
रिपोर्ट-अंशुमान दुबे,लखनऊ