बिना किताबों के ही चल रहे हैं प्राथमिक स्कूल, तो कैसे पढ़ेगा और कैसे बढ़ेगा इंडिया?

फर्रुखाबाद–सरकार लाख दाबे करे की शिक्षा विभाग में सबकुछ ठीक है । अधिकारी कागजो में ही सब ठीक होने का दाबा करते है लेकिन धरातल पर सब कुछ अलग है । जिले के परिषदीय विधालयो में अभी तक सरकारी किताबे नही पहुंचाई गई है।

जिले के तमाम स्कूल बिना किताबो के ही चल रहे है।केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की योजना को ठेकेदार से लेकर शिक्षा अधिकारी चूना लगा रहे है।अभी किताबो की खेप पहुंची है उसका कब तक वितरण स्कूलो में कराया जायेगा।जिससे बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर सके।शिक्षक भी किताबो के अनुसार ही बच्चो का कोर्स पूरा कराते हैं लेकिन जब किताबे ही नही होगी तो पढाई कहा से होगी। वही 2014,15,16,17 की किताबें फतेहगढ़ नरेंद्र सरीन प्राथमिक विधालय में भरी हुई है।जिनका समय रहते वितरण नही किया गया जो आज रद्दी बन चुकी है। बेसिक शिक्षा विभाग रामभरोसे चल रहा है।चाहे वह किसी भी कार्य का ठेका दिया जाता हो सभी मे कमीशन खोरी के चलते मामले लटके रहते है।उन्हें अपने भविष्य की चिंता है परिषदीय विधालयो में पढ़ने वाले उन गरीब बच्चों की चिंता नही है।उसी बजह से कान्वेंट स्कूल में लोग बच्चो को पढ़ाना शुरू कर दिया जिससे ग्रामीण क्षेत्र से परिषदीय विधालयो में बच्चों की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है।जिले की सभी बीआरसी पर किताबो का भंडारण है लेकिन यदि शिक्षक किताबे लेने नही पहुंच पाया तो खण्ड शिक्षा अधिकारी ने उन स्कूलो में किताबे नही भेजी है जबकि किताबे स्कूल तक पहुंचने का भाड़ा मिलता है।लेकिन ऐसा क्यों नही किया जा रहा है।

यदि शिक्षा विभाग पूरे जिले के परिषदीय विधालयो में समय से पुस्तको का वितरण करा दे तो उन स्कूलो में पढ़ने वाले बच्चे भी अपना भविष्य बना सकते है।लेकिन ऐसा नही किया जा रहा है यह मामला हर वर्ष होता है अधिकारी जांच के नाम पर मामले को दबा देते है।लेकिन कार्यशैली में कोई सुधार नही होता है।किताबे कमरों में भरी भरी सड़ने लगती है।लेकिन बच्चो के हाथों में नही पहुंच पाती है।

(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद)

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