हरदोई — उत्तर प्रदेश के सीतापुर में आदमखोर कुत्तों के आतंक से जहां पूरे प्रदेश में लोग सहमे हुए हैं । वहीं सरकारी मशीनरी भी लोगों में कुत्तो के आतंक के बाद लोगो को जागरुक रहने की बातें करती नजर आ रही है। लेकिन शायद यह सब सरकारी सिस्टम का दिखावा ही है।
सिस्टम किस कदर इन आवारा कुत्तों को लेकर लाचार नजर आता है इसकी बयानगी यूपी के हरदोई के जिला चिकित्सालय में साफ़ दिखाई दे रही हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों के वार्डों में दिन और रात इन्हीं आवारा कुत्तों के बीच में सहमकर काटने पड़ते हैं।अस्पताल की साफ सफाई के लिए बाकायदा एक एजेंसी को ठेका भी है लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि वार्डो में आवारा कुत्ते आराम से घूमते और बैठे नजर आते रहते हैं। बगल में ही सीतापुर जिला होने और वहा कुत्तो से दहशत के बाद वार्ड में भर्ती मरीज और उनके तीमारदार बीमारी से कम लेकिन इन कुत्तो से अधिक भयभीत नजर आते है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश को स्वास्थ्य सेवाओं में नंबर वन बनाने का दावा करने वाली योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जरा इन तस्वीरों को गौर से देखें हैं। यह तस्वीरें हरदोई जिले के एकमात्र 200 बेड के संबसे बड़े सरकारी अस्पताल पंडित रामदयाल त्रिवेदी जिला चिकित्सालय की हैं।जहां अस्पताल के वार्ड में मरीजों उनके तीमारदारों की भीड़ के बीच आप साफ तौर पर चौकानी वाली तस्वीरें भी देख सकते है।ये कुत्ते पालतू नहीं बल्कि आवारा है आमतौर पर यहां कुत्ते आपको अस्पताल के किसी वार्ड में घूमते ही नजर आएंगे।
वहीं जिला चिकित्सालय के अधिकारी शायद अस्पताल के अपने कमरे में ऐसी रूम में बैठ कर अस्पताल के वार्डो में अपना पसीना नहीं बहाना चाहते तभी अधिकारियो को पता नहीं है की सरकारी अस्पताल के वार्डों में किस तरह की समस्या है और किस तरह से मरीज रहते हैं। बेहतर स्वास्थ्य का दावा करने वाली सरकार के इन काबिल अफसरों को शायद ही इन बातो से कोई सरोकार रहता हो। अस्पताल की साफ सफाई का जिम्मा एक निजी कंपनी के हाथों हैं लेकिन शायद अधिकारियों को मोटा चढ़ावा देकर साफ सफाई का जिम्मा रखने वाली निजी कंपनी इन समस्याओं से मुंह मोड़ रहती है। तस्वीरें सामने आने के बाद अधिकारी वार्डो में कुत्ते के घूमने को आपत्तिजनक मानकर दोषी लोगों पर कार्रवाई करने का जुमला जरूर हर बार की तरह कहते नजर आते हैं।
(रिपोर्ट-सुनील अर्कवंशी,हरदोई)