एटा– उत्तर प्रदेश में योगी सरकार कालाबाजारी पर कितने भी सख्त हो लेकिन प्रदेश में कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही है। आये दिन कही न कही कालाबाजारी के मामले सामने आ ही जाते है। फिर चाहे वह गरीबो के लिए दिए जाने वाले राशन के गेंहू , चावल हो या किसानो के लिए सस्ती दर में दिए जाने वाले सरकारी खाद हो।
इस तरह के गोरखधंधे करने वालो पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। ताजा मामला एटा में देखने मिला है जहाँ सरकारी डीएपी -यूरिया खाद से भरे एक ट्रक और तीन ट्रैक्टर को पुलिस की मदद से जिला प्रशासन ने पकड़ा है। बताया जाता है कि ये सरकारी खाद सरकारी गोदाम से निकाल कर कालाबाजारी के लिए ले जाया जा रहा था।
बताया जाता है कि जनपद में सरकारी खाद की कालाबाजारी करने का खेल लम्बे समय से चल रहा था जिसकी शिकायते बहुत दिन से मिल रही थी। लेकिन सम्बंधित विभाग ने कोई कार्यबाही नहीं थी। उसके बाद इस की शिकायत उच्चाधिकारियों से की गयी थी। तभी से जिला प्रशासन के अधिकारियो को इस गोरख धंधे से जुड़े लोगो की तलाश थी और सम्बंधित सभी अधिकारियो और सभी थाना पुलिस को भी अवगत करा दिया गया था कि यदि आप को किसी भी तरह की कोई संदिग्ध व्यक्ति सरकारी खाद को ले जाते या बिक्री करते मिले तो आप उच्चाधिकारियो को अवगत कराये। तभी आज थाना मालवण क्षेत्र में एक ट्रैक्टर में सरकारी खाद भरकर कुछ व्यक्ति ले जा रहे थे तभी पुलिस ने उनको रोक लिया और प्रशासन के अधिकारियो को अवगत कराया गया। सूचना पर पहुंचे कृषि अधिकारियो ने खाद के बारे में पता करने की कोशिस की तो उनको ट्रैक्टर चालक कोई कागज नहीं दिखा सका और उसने बताया हम इस खाद को एटा से लाये है।
वही जब अधिकारियो ने इस बारे में पता किया कि ये खाद कहाँ से लायी गयी है तो पता चला कि ये सरकारी खाद संजीव गुप्ता नामक व्यक्ति है वह खाद का गोदाम चलाता है उसके यहाँ से लायी गयी है। जब वहां जाकर देखा तो वहां पर भी सरकारी खाद मिल गयी। लेकिन बड़ी बात ये है कि ये सरकारी खाद इस व्यक्ति को मिली कैसे ? इसका मतलब ये हुआ कि इस गोरख धंधे में इसके साथ इस विभाग के अधिकारी या कर्मचारी शामिल है। नहीं तो इतनी बड़ी मात्रा में सरकारी खाद कैसे निकल सकती है। फिलहाल कृषि विभाग के अधिकारियो ने पकड़े गए सरकारी डीएपी और यूरिया खाद को जब्त कर लिया है और पुलिस ने एक ट्रैक्टर चालक को हिरासत में ले लिया है।आरोपियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी है।
(रिपोर्ट-आर.बी.द्विवेदी, एटा)