प्रतापगढ़ — यूपी के प्रतापगढ़ पहुचे कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी ने बेरोजगारो और किसानों की आत्महत्या, गंगायात्रा सहित सीएए और एनआरसी को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा।
इस दौरान उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के चलते देश मे ग्यारह हजार युवाओं ने आत्महत्या की, साढ़े दस हजार किसानों ने आत्महत्या की और लगभग इक्कीस हजार लोगों ने बेरोजगारी के चलते आत्महत्या की जो सरकार पर करारा तमाचा और सरकार के दामन पर कलंक है। जिस सरकार के कार्यकाल में इक्कीस हजार से ज्यादा लोग बेरोजगारी के कारण आत्महत्या को मजबूर हो जाए उस सरकार बने रहने का अधिकार नही है। उसे जनता से माफी मांगनी चाहिए, क्षमायाचना करनी चाहिए।
गांगा यात्रा पर कंसा तंज
सरकार ने देश को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया, जो देश और दुनिया की सेवा करता वो नौजवान हमसे विदा ले रहा है। तो वही गंगायात्रा को लेकर प्रमोद तिवारी ने तंज कसा, गंगा मा है हमारी, गंगा मा में हमारी आस्था है, जीवनदायिनी है, हम उनकी पूजा करते है, पर भारतीय जनता पार्टी की एक समस्या है की बताने के लिए कुछ नही है। बताने को उपलब्धियां कुछ नही है, राम मन्दिर का निर्णय हो गया है उसपे तो कुछ हो नही सिवाय इसके की भव्य बनेगा।
अब गंगा मा में यात्रा हो रही है, उन्होंने सवाल खड़ा किया मैं समझ नही पा रहा हूँ कि उल्टी यात्रा क्यो हो रही है? बलिया से शुरू होकर इलाहाबाद आ रही है। इलाहाबाद से कालाकांकर होते हुए कानपुर जा रही है। गंगा के प्रवाह के विपरीत जो चलता है वो बह जाता है, समाप्त हो जाता है। मैं एक ही चीज कहूंगा विनम्रता के साथ जो गंगा मइया के नाम पर बजट था, उसका यूटिलाइजेशन समय से क्यो नही हुआ? और जो यूटिलाइजेशन हुआ उसका परिणाम क्यो नही मिला? गंगा का अपर्यावरण समाप्त क्यो नही हुआ? इन दोनों का कोई दोषी है तो उत्तर प्रदेश की और भारत की सरकार जो भाजपा की है।
सीएए और एनआरसी को बताया संविधान के खिलाफ
सीएए और एनआरसी के आंदोलन पर प्रमोद तिवारी ने कहा सीएए और एनआरसी दोनों ही भारत के संविधान के खिलाफ है, मैं दोनों का विरोध करता हूँ और हर उस आंदोलन का समर्थन करता हूँ जो शांतिपूर्वक हो, संविधान के दायरे में हो मैं उस आंदोलन का समर्थक हूं। सरकार की इस बात की निंदा करता हूं कि लोकतंत्र सम्वाद होना चाहिए अगर कोई आंदोलनरत है तो उससे वार्ता होनी चाहिए, उस पर लाठियां नही चलनी चाहिए, उसे जेल की सीखचों में नही बन्द करना चाहिए। मैं हिंसात्मक आंदोलन के खिलाफ हूं, अगर कोई हिंसा करे तो मैं उसकी निश्चित रूप से निंदा करता हूं।
भाजपा में घुसी हिटलर की आत्मा
आज तक मैने अपने राजनैतिक जीवन में देखा नही सुना नही था कि ऐसी बातें मंत्री कहे सांसद कहे वित्त राज्यमंत्री उस मंच से कहे जिस मंच पर बैठे हो देश के गृहमंत्री, की गोली मारो… अब आगे वाली जो भाषा है जो रिस्तेदारी उन्होंने जोड़ी है उस पर मैं कुछ नही कहूंगा। कहा जा रहा है जूता मारकर हम आंदोलन को खत्म कर देंगे, कहा जा रहा है हम हाथी के पैर से कुचलवा देंगे, कहा जा रहा है जिंदा दफन कर देंगे। क्या भाजपा की आत्मा में हिटलर की आत्मा प्रवेश कर गई है? भाजपा के डीएनए में तानाशाही है। वो दिखाने को लोकतंत्र दिखाती पर है तानाशाही।
(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़)