इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से कुंडा से निर्दलीय बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने का कारण पूछा है। कोर्ट ने कहा है कि अगर संतोषजनक कारण सामने नहीं आए तो वो खुद संज्ञान लेकर मामले का परीक्षण करेंगे।
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जस्टिस मुनीश्वर नाथ भंडारी और जस्टिस मनीष कुमार की बेंच ने शिव प्रकाश मिश्र सेनानी की याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एसएन सिंह रैकवार ने बताया कि, याची राजा भैया के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ चुका है। याची को सुरक्षा मिली थी, जिसकी अवधि खत्म हो रही है। इसे जारी रखने के लिए प्रत्यावेदन भी दिया गया था, लेकिन सरकार ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
याचिका में सुरक्षा बरकरार रखे जान के अलावा राजा भैया के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लिए जाने का भी मुद्दा उठाया गया। बेंच ने कहा कि, सरकारी अधिवक्ता सक्षम अधिकारियों से निर्देश प्राप्त कर बताएं कि निर्धारित अवधि में याची के प्रत्यावेदन पर निर्णय क्यों नहीं लिया गया है। जवाब असंतोजनक होने पर अदालत अवमानना का संज्ञान लेगी। अदालत ने यह भी कहा कि, अगर रघुराज प्रताप सिंह के खिलाफ दर्ज मुकदमे सरकार के इशारे पर वापस लिए गए हैं तो इसका कारण स्पष्ट किया जाए।