न्यूज डेस्क — दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडाल वाले देशों में शुमार वेनेजुएला के आर्थिक हालात किसी से छिपे नहीं है। मौजूदा समय में वहां के हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि लोग देश छोड़कर उसकी सीमा से सटे कोलंबिया में भागने को विवश हैं। वहीं कोलंबिया ने इस संकट से निपटने के लिए दुनिया से मानवीय आधार पर मदद मांगी है।
इस आर्थिक संकट को लेकर दोनों देश एक दूसरे पर आरोप थोपते भी दिखाई दे रहे हैं।दोनों देशों ने हमले की भी आशंका जताई है।बहरहाल कोलंबिया का दावा है कि करीब दस लाख लोग वेनेजुएला से उनके यहां पर आ चुके हैं। यहां पर मौजूदा समय में खाने-पीने की चीजों के साथ-साथ दवाओं की भी भारी कमी है। डॉक्टर अपने मरीजों को भी दूसरे देशों में जाकर इलाज कराने की सलाह दे रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से भी वेनेजुएला आज एक खतरनाक देशों में शुमार हो रहा है। इसके अलावा अमेरिका ने वेनेजुएला में सेना द्वारा तख्तापलट की भी आशंका जताई है।
बता दें कि वेनेजुएला का यह संकट रातों-रात पैदा नहीं हुआ है बल्कि लगभग दो वर्षों से इसी तरह के हालातों में वहां के लोग जीने को मजबूर हैं। आलम यह है कि वहां की करेंसी में आई गिरावट की वजह से एक लीटर दूध 80 हजार से अधिक रुपये में बिक चुका है। आपको जानकर हैरानी होगी कि वहां पर एक ब्रेड की कीमत भी हजारों में हो चुकी है। वहीं 3 लाख रुपयों में महज एक किलो मीट ही आ पाएगा।
यदि ये कहा जाए कि इस देश में बोरे में भरकर नोट ले जाने पर आप शायद एक समय का खाना ही खा पाओगे तो गलत नहीं होगा। दूसरी ओर वेनेजुएला की सरकार फिलहाल इस आर्थिक संकट को खत्म करने में नाकाम दिखाई दे रही है।वेनेजुएला में आए इस संकट की सबसे बड़ी वजह वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट को माना जा रहा है। इसके अलावा सरकार की गलत नीतियां भी कहीं न कहीं इसके लिए जिम्मेदार हैं।