कर्ज माफ न होने से परेशान किसान की हार्ट अटैक से मौत

बहराइच– इटकौरी गांव निवासी एक किसान ने खेती-किसानी के लिए वर्ष 2014 में बैंक से ऋण लिया था। इस बार किसानों का कर्जा माफ हुआ तो उसे लगा कि उसका ऋण भी माफ हो जाएगा। लेकिन ऋण माफ न होने से किसान बैंक के चक्कर लगाने लगा।

इसी चिंता में बुधवार रात उसकी तबियत बिगड़ गई। परिवारीजन आनन-फानन में उसे अस्पताल ले गए। वहां इलाज शुरू होने के कुछ देर बाद ही उसने दम तोड़ दिया। जिससे घर में कोहराम मच गया। रिसिया थाना अंतर्गत इटकौरी गांव निवासी ओंकारनाथ तिवारी (50) खेती-किसानी कर परिवार का भरण पोषण करते थे। खेती कार्य के लिए उन्होंने वर्ष 2014 में 24 नवंबर को इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंकसिसई सलोनकी शाखा से दो लाख 73 हजार का कर्जा लिया। घर का खर्च अधिक होने के चलते वह कर्ज अदा नहीं कर पा रहे थे।

जैसे-तैसे 74 हजार रुपया अदा किया था। इसी बीच योगी सरकार द्वारा कर्जमाफी की घोषणा होने पर उन्हें लगा था कि कर्ज से मुक्ति मिल जाएगी। 1.94 लाख रुपया कर्ज ओंकार को अदा करना था। लेकिन कर्जमाफी की सूची जारी हुई तो उनका नाम सूची में नहीं था। इस पर ओंकार परेशान हो उठे। पुत्र प्रदीप ने बताया कि कर्जमाफी के लिए पिता ओंकार तीन महीने से बैंक के चक्कर लगा रहे थे। बैंक में समुचित जवाब नहीं मिल रहा था। अनावश्यक दौड़ाया जा रहा था। जिसके चलते वह बीते पखवारे भर से काफी चितिंत रहने लगे। बुधवार शाम को अलाव तापते समय बोले कर्ज से कैसे छुटकारा मिलेगा, इसके बाद बेहोश हो गए। ग्रामीणों की सहायता से प्रदीप ने पिता को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया। लेकिन वहां इलाज शुरू होने के कुछ देर बाद ही ओंकार ने दम तोड़ दिया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने हृदयगति रुकने से ओंकार के मौत की पुष्टि की। शव घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। पत्नी धनराजा की हालत अर्द्धविक्षिप्तों जैसी हो गई है। ग्राम प्रधान मतालिब खां ने भी कहा कि कर्ज को लेकर ओंकार काफी परेशान रहते थे।

रिपोर्ट-अमरेन्र्द पाठक,बहराइच

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