चेन्नै–मद्रास हाई कोर्ट ने बुधवार को नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को एक सख्त संदेश देते हुए कहा है कि उसे अपने सभी टोल प्लाजा पर वीआईपी और मौजूदा जजों के लिए एक अलग से एक्सक्लूसिव लेन बनाए, नहीं तो उसे कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए।
इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस हुलुवाडी जी रमेश और जस्टिस एमवी मुरलीधरन की डिवीजन बेंच ने कहा, ये वीआईपी और जजों के लिए बहुत शर्म की बात है कि वे टोल प्लाजा पर वेट करें और अपने आइडेंटिटी कार्ड दिखाएं।
कोर्ट ने कहा, ‘अलग लेन न होने से हर टोल प्लाजा पर सिटिंग जज और वीआईपी लोगों ‘अनावश्यक शर्मिंदगी’ का सामना करना पड़ता है।’ कोर्ट ने कहा, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि टोल प्लाजा पर सिटिंग जज को 10 से 15 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है। इस बात को न तो केंद्र सरकार और न ही एनएचएआई गंभीरता से ले रही है।’ लार्सन ऐंड टूब्रो कृष्णागिरी वलाजपेट टॉलवे लिमिटेड सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बेंच ने यह निर्देश जारी किया।