कानपुर — हाईकोर्ट ने आरटीओ कानपुर पर 50 हजार रुपये हर्जाना लगाया है।यहीं नहीं कोर्ट ने आरटीओ को हर्जाने की राशि एक माह में जमा करने को कहा है। इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार को छूट दी है कि हर्जाने की राशि दोषी अधिकारी के वेतन से भी काट सकते हैं।
बता दें कि आरटीओं द्वारा नीलामी में खरीदी गई कार का तीन साल तक पंजीकरण नहीं कराया था। जिसको लेकर अदालत ने नाराजगी जताते हुए फैसला सुनाया। कानपुर के संजय जायसवाल की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की पीठ ने दिया है।
दरअसल कानपुर पुलिस ने एक अप्रैल 2016 को आरटीओ से अनापत्ति प्राप्त करने के बाद जाइलो कार की नीलामी की थी। वहीं याची ने अधिकतम बोली लगाकर कार खरीद ली और आरटीओ को वाहन के पंजीकरण हेतु आवेदन किया। पंजीकरण नहीं हुआ और याची को वाहन खड़ा रखना पड़ा। इस दौरान उसे वाहन का दो बार बीमा भी कराना पड़ा।
परेशान होकर उसने हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट के पूछने पर आरटीओ ने बताया कि वाहन का पंजीकरण कर दिया गया है। कोर्ट ने याची को बिना वजह तीन साल तक परेशान करने पर आरटीओ पर हर्जाना लगाया है। हर्जाने की राशि याची को देने का निर्देश दिया है।