सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi) मामले में हिन्दू पक्ष को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा अगले आदेश तक फिर से बढ़ा दी, जहां एक ‘शिवलिंग’ पाया गया था। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा की खंडपीठ ने कहा कि 17 मई को पारित अंतरिम आदेश अगले आदेश तक लागू रहेग।
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याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा कि उन्हें अंतरिम आदेश को आगे बढ़ाने पर कोई ऐतराज नहीं है। गुरुवार को शीर्ष अदालत ने क्षेत्र की सुरक्षा प्रदान करने वाले आदेश के विस्तार की मांग करने वाली हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के लिए शुक्रवार का दिन मुकर्रर किया था। हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने मामले को रखा और तत्काल सुनवाई की मांग की थी। जैन ने दलील दी कि शीर्ष अदालत का 17 मई का आदेश 12 नवंबर को समाप्त हो रहा है और इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है।
पीठ ने हिंदू पक्ष की याचिका की सुनवाई को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका के बारे में पूछा। इस पर जैन ने जवाब दिया कि निचली अदालत ने इसे खारिज कर दिया था और इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक अपील लंबित है। टॉप कोर्ट ने कहा कि वह शनिवार को तीन बजे एक पीठ का गठन करेगी। 8 नवंबर को वाराणसी की एक अदालत ने ‘शिवलिंग’ की पूजा की अनुमति मांगने वाली एक अलग याचिका पर अपना फैसला 14 नवंबर तक के लिए टाल दिया था।
17 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi) के भीतर जहां शिवलिंग पाया गया है, उसे संरक्षित करने की जरूरत है, लेकिन नमाज अदा करने के लिए मुसलमानों के परिसर में प्रवेश करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। 20 मई को, शीर्ष अदालत ने मस्जिद में पूजा के अधिकार की मांग करने वाले हिंदू पक्षों द्वारा मुकदमे की कार्यवाही वाराणसी के जिला न्यायाधीश को स्थानांतरित कर दी।
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