ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान सामने आए शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच की मांग खारिज हो गई है। शुक्रवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मामले पर सुनवाई की। अदालत ने कार्बन डेटिंग के साथ ही अन्य किसी भी वैज्ञानिक तरीके के परीक्षण की मांग खारिज कर दी है। मामले की अगली सुनवाई 17 अक्तूबर को होगी।
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हिंदू पक्ष के पांच में से चार वादियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमारी कार्बन डेटिंग की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि शिवलिंग के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो, अभी इसकी आवश्यकता नहीं है। जिला जज की अदालत के इस आदेश को हमलोग सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। अभी तारीख की घोषणा नहीं कर सकते लेकिन जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को चैलेंज करेंगे।
इस मामले में वादी पक्ष की चार महिलाओं ने सर्वे में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग या किसी अन्य आधुनिक विधि से जांच की मांग की थी। दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद 12 अक्तूबर को जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने आदेश के लिए 14 अक्तूबर यानि आज की तिथि नियत की थी।
12 अक्तूबर को सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतजामिया ने अपना पक्ष रखा फिर वादिनी संख्या 2 से 5 तक के अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन ने प्रति उत्तर में हिंदू पक्ष की दलीलें पेश की। जबकि वादिनी संख्या एक के अधिवक्ता मान बहादुर सिंह ने कोई भी दलील देने से इनकार कर दिया तब अदालत ने आदेश के लिए 14 अक्तूबर की तिथि नियत कर दी।
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