कानपुर–रंगो की अपनी ही एक अनोखी दुनियाँ होती है जिसकी भाषा मोहित सिंह रंग और रेखाओं के जरिये से दिलों में उतार देते है। आज के बदलते परिवेश में कला ने अपना रंग खो दिया है, विलुप्त होती चित्रकारों की कला को आधुनिकीकरण से सँवार रहा है आर्टिस्ट मोहित सिंह।
कानपुर पनकी गंगा गंज के एक मध्यमवर्गीय परिवार में पले बढ़े मोहित के पिता इलेक्ट्रीशियन कन्हई सिंह हैं। मोहित को शुरू से ही चित्रों से भरी दुनियाँ अपनी ओर खींचती थी। किताबों से ज्यादा उसकी ऊपर की खुबसूरत रंगो से लगाव बन गया, अपने आसपास की सभी चीजो में रचनात्मक चित्रण को महसूस करने वाला कलाकार मोहित ने अपना कैरियर बस चित्रकला के क्षेत्र में बनाने का फैसला कर लिया। इस बीच में उसको काफी परेशानियां उठानी पड़ी वो एक गरीब परिवार से है लेकिन उसने कभी हार नही मानी और अपने हौसलो पर कायम रहा ।
कला के साथ साथ पढ़ाई में भी खुद को मजबुत किया जिससे वो आज की आधुनिक परिवेश की अनुसार भी चित्रकला के अन्य रचनात्मक रंग कार्यो में नयी विधाओं का सृजन कर सके। पारम्परिक चित्रकला को जीवित रखने के लिए जरूरी है और घरो में खुशियाँ आने के लिय उसको आज की माँग के अनुरूप भी प्रस्तुत किया जाये साथ ही साथ विलुप्त होती रंग कला को भी पुनर्जीवित किया जा सके। जैसे कि कानपुर में कला का ज्यादा महत्व नही है इसलिए मोहित सिंह ने अपने कानपुर मे कला को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है।
इनकी एक पेंटिंग काफी चर्चा में आई थी। उसमे कलाकार मोहित सिंह ने नारी की पीड़ा दिखाई है , जिसमें एक संदेश छिपा था कि घर मे भी रह कर घर को रोशन करती है नारी।
मोहित सिंह ने अपने गुरु प्रोo अभय द्विवेदी कलागुरु के साथ मिलकर इस दिशा की ओर काम करना शुरू किया और ‘गुरूकुल आर्ट गैलरी’ नाम की एक संस्था से अपने आप को जोड़ा। गुरूकुल की स्थापना 1 सितम्बर 2016 की गई थी। बता दें गुरूकुल संस्था कला एवं कलाकारों के लिये बेहतरीन कार्य कर रही है। कलाकारों के नियमित आय और रोजगार के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहती है। साथ ही कलाप्रेमियों के लिए भी बेहतरीन चित्रों को उपलब्ध करवाती है।
कई जगहो से दिल्ली, रेवाड़ी, जयपुर और चंडीगढ़ राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी की है और कई ऑनलाइन प्रतियोगिता जैसे पटना ,गोरखपुर हरियाणा आदि जगहों किये है जिसमे कि गोल्ड मैडल ट्राफी जीते है और कानपुर से सम्मान मिला है। मोहित सिंह ने 3 जून 2018 को दिल्ली के शिवाजी स्टेडियम में चेन्नई का रिकॉर्ड तोड़ा जिसमे की 1500 मीटर लम्बी पेंटिंग बनायी गई थी। इसमें 1140 कलाकारों ने भाग लिया था जिसमे पनकी के मोहित सिंह ने भी अपना नाम गिनीज बुक में दर्ज करवा कर कानपुर आये । मोहित ने नाईफ पेंटिंग करने मे महारत हासिल की है।