गुरुग्राम–गुरु द्रोणाचार्य के नाम से जाने जाने वाले शहर गुरुग्राम में चोरों ने जमकर उत्पात मचा रखा है। पिछले 30 सालों से गुरुग्राम के एक पार्क में मौजूद गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा पर चोरों ने हाथ साफ़ कर दिया। हैरत वाली बात तो यह है कि इस घटना से प्रशासन अनजान रहा।
अधिकारियों ने बताया कि यह गुरुग्राम में गुरु द्रोणाचार्य का एकमात्र स्टैचू था। राजीव चौक के नजदीक पार्क के बीचोंबीच 6 फुट की गुरु की प्रतिमा लगाई गई थी और उनके चारों तरफ उनके पांचों पांडव शिष्यों की प्रतिमाएं भी मौजूद थीं। 5.5 फुट की पांडवों की भी प्रतिमाएं वहां मौजूद नहीं हैं। गुरुग्राम में किसी को नहीं पता कि आखिरकार ये प्रतिमाएं कहां गईं। नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को भी इस बात की जानकारी नहीं है कि इन प्रतिमाओं को किसने हटाया जबकि नगर निगम का ऐसा अंदाजा है कि यह गोदाम में होंगे।
वहीं नगर निगम के वरिष्ठ टाउन प्लानर सुधीर चौहान ने कहा, ‘मैं राजीव चौक की प्रतिमा से अवगत नहीं हूं। अगर वे हटाए गए हैं तो वे सेक्टर 39 स्थित नगर निगम के गोदाम में होंगे। हम सही समय पर उसे फिर स्थापित करेंगे।’ बता दें कि सितंबर 2016 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आधिकारिक रूप से गुड़गांव का नाम गुरुग्राम कर दिया था। गुरुग्राम की एक इतिहासकार दीपा अंतिल ने कहा, ‘ऐसा माना जाता है कि गुड़गांव गुरु द्रोणाचार्य को उनके शिष्यों पांडवों द्वारा दी गई गुरु दक्षिणा थी। इसलिए शहर का नाम गुरुग्राम था। जिसे बाद में लोग गुड़गांव बुलाने लगे। इसलिए लोगों ने इसका नाम गुड़गांव से गुरुग्राम करने की मांग की।’