कानपुर देहात की ग्राम पंचायतों ने डकार लिए सरकारी योजनाओं के 1 करोड़ 32 लाख

कानपुर– देश की जनता सरकार को टेक्स देती है ताकि देश मे विकास के काम हो सके ओर इसी टेक्स के जरिये तमाम सरकारी योजनाए सरकार चलाती है | गाव गाव योजनाओ के जरिये ये रुपया भेज कर विकास कार्य कराने की कवायद मे लगी हुई है लेकिन इन योजनाओ के रुपयो पर भ्रष्टाचारी घात लगाए बैठे रहते है

ओर जैसे ही योजनाए आती है तो ये भ्रष्टाचारी योजनाओ का रुपया निकाल कर आपस मे बंदर बाँट कर लेते है | इस भ्रष्टाचार मे ऊपर से लेकर नीचे तक कई अधिकारी लिप्त होते है जिनकी साँठ गांठ से ये भ्रष्टाचार का खेल किया जाता है |एसे ही एक मामले ने भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी है| जी हा पूरा मामला कानपुर देहात की ब्लाक रसुलाबाद का है जहा ग्राम प्रधानो ओर ग्राम सचिवो ने गरीब जनता के लिए आई सरकारी योजनाओं का 1 करोड़ 32 लाख रुपयो का बंदर बाँट कर ढकार लिया | पूरे मामले का खुलासा ग्रामीणों की शिकायत के बाद तहसीलदार राजीव उपाध्य की जांच से हुआ।

दरअसल पूरा मामला रसुलाबाद ब्लाक की ग्राम पंचायत जोत की प्रधान रमा पाण्डेय और ग्राम पंचायतसुजावरपुर की प्रधान रिंकी शुक्ला ने गांव में विकास कार्य कराने की कार्य योजना तैयार की। जिसके बाद शासन ने उस कार्य योजना के तहत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पैसा भी आवंटित कर दिया। शासन द्वारा पैसा आंवटित होने के बाद दोनो ग्राम प्रधानो और सचिव ने  1 करोड़ 32लाख रू0 की धनराशि का बंदरबांट शुरू कर दिया। गांव में विकास तो दूर की बात प्रधानों ने गरीबों की फरियाद तकको कभी नहीं सुना । यहीं नहीं गरीबों को मिलने वाली आवास योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। न तो गांव में शौचालयों का निर्माण हुआ और न ही सड़के बनी, न तो गरीबों को आवास मिला और न ही नालियां बनी, न तो सरकारी नल लगे और न ही तालाब खुदा । लेकिन इन सभी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए आवंटित धनराशि खर्च हुई। वही ग्रामीणो ने बताया की जिसने भी प्रधान के खिलाफ आवाज उठाई उसके ऊपर फर्जी मुकदमा लिखवाकर कार्यवाही कर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया जाता है और उसकी आवाज को हमेशा हमेशा के लिए दवा दियाजाता है । प्रधान के लड़के सुधीर पांडेय की इस कदर गांव वालों के अन्दर दहशत बनी हुई है कि प्रधान और उसके दबंग पुत्र के खिलाफ कोई बोलने के लिए तैयार ही नही होता |

आरोप यहा तक है की सरकारी योजनाओ मे लगने वाली रकम नीचे से लेकर ऊपर बैठे अधिकारियों तक जाती है | ओर इसी चड़ावे की बजह से योजनाओ का काम केवल सरकारी फाइलो मे ही दिखा दिया जाता है या फिर मानक विहीन घटिया समान का उपयोग कर निर्माण करा कर खाना पूर्ति कर दी जाती है | .

जब इसकी शिकायत तहसीलदार राजीव अपध्याय तक पहुची तो मामले मे तहसीलदार ने खुद जांच की। जांच मे प्रथम द्रष्टया बैंक से प्राप्त किए गए संबंधित खातों के स्टेटमेंट से घोटाला सामने आया ओर इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है | दोनों पंचायतों के ग्राम प्रधान ओर सचिवो पर अवश्य बैधानिक कार्यवाही की जाएगी। इस बाबत जब जिले के मुख्य विकास अधिकारी केदार नाथ सिंह  से बात की  तो उन्होंने कहा कि जांच की जा रही हैं। 

(रिपोर्ट – संजय सिंह , कानपुर )

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