न्यूज डेस्क– उत्तर प्रदेश शासन ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के खिलाफ जुलाई 2015 से अगस्त 2016 के बीच प्रारंभ किये गए 04 विभागीय कार्यवाहियों को समाप्त करने से मना कर दिया है. राज्य सरकार ने यह आदेश अमिताभ द्वारा दायर याचिका में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच द्वारा दिए गए आदेश के पालन में पारित किया.
अमिताभ ने बिना किसी आधार के 4 विभागीय कार्यवाहियां शुरू कर 2 से 3 साल से अकारण लंबित रखे जाने के कारण इन्हें अखिल भारतीय सेवाएँ अनुशासन तथा अपील नियमावली में जनवरी 2017 में हुए संशोधन के आधार पर समाप्त करने की प्रार्थना की थी. शासन के आदेश के अनुसार अनुशासन एवं अपील नियमावली के नियम 8(25ए) में यह नहीं कहा गया है कि यदि कोई जाँच 6 माह की निर्धारित अवधि में समाप्त नहीं होगी तो यह निरस्त कर दी जाएगी.
आदेश के अनुसार अमिताभ के खिलाफ जांचें इस कारण लंबित रही कि जाँच अधिकारी काम की अधिकता, समय के अभाव या अन्य कारण से दूसरे जाँच अधिकारी बनाने का आग्रह करते रहे. सरकार ने कहा है कि इन जांचों को शीघ्र पूरा करवाया जायेगा.